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- [[पालि भाषा]]
- [[पालि भाषा]]
||संस्कृत [[भारत]] की एक शास्त्रीय भाषा है। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। '''संस्कृत का अर्थ है, संस्कार की हुई भाषा।  इसकी गणना संसार की प्राचीनतम ज्ञात भाषाओं में होती है। संस्कृत को देववाणी भी कहते हैं।''' संस्कृत हिन्दी-यूरोपीय भाषा परिवार की मुख्य शाखा हिन्दी-ईरानी भाषा की हिन्दी-आर्य उपशाखा की मुख्य भाषा है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिन्दी, मराठी, सिन्धी, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], बंगला, उड़िया, नेपाली, कश्मीरी, उर्दू आदि सभी भाषाएं इसी से उत्पन्न हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। [[हिन्दू धर्म]] के लगभग सभी [[धर्मग्रन्थ]] संस्कृत भाषा में ही लिखे हुए हैं। आज भी हिन्दू धर्म के [[यज्ञ]] और पूजा संस्कृत भाषा में ही होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[संस्कृत भाषा]]
||संस्कृत [[भारत]] की एक शास्त्रीय भाषा है। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। '''संस्कृत का अर्थ है, संस्कार की हुई भाषा।  इसकी गणना संसार की प्राचीनतम ज्ञात भाषाओं में होती है। संस्कृत को देववाणी भी कहते हैं।''' संस्कृत हिन्दी-यूरोपीय भाषा परिवार की मुख्य शाखा हिन्दी-ईरानी भाषा की हिन्दी-आर्य उपशाखा की मुख्य भाषा है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिन्दी, मराठी, सिन्धी, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], बंगला, उड़िया, नेपाली, कश्मीरी, उर्दू आदि सभी भाषाएं इसी से उत्पन्न हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। [[हिन्दू धर्म]] के लगभग सभी [[धर्मग्रन्थ]] संस्कृत भाषा में ही लिखे हुए हैं। आज भी हिन्दू धर्म के [[यज्ञ]] और पूजा संस्कृत भाषा में ही होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[संस्कृत भाषा]]
{ऋग्वैदिक काल में समाज का स्वरूप किस प्रकार का था?
|type="()"}
+ पितृसत्तात्मक
- मातृसत्तात्मक
- 1 एवं 2 दोनों
- केवल 1
{वैदिककालीन लोगों ने सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया?
|type="()"}
- लोहा
- कांसा
+ तांबा
- सोना
{हल सम्बन्धी अनुष्ठान का पहला व्याख्यात्मक वर्णन कहाँ से मिला है?
|type="()"}
- [[गोपथ ब्राह्मण]] में
+ [[शतपथ ब्राह्मण]] में
- [[ऐतरेय ब्राह्मण]]
- [[पंचविंश ब्राह्मण]]
{किस [[वेद]] की रचना गद्य एवं पद्य दोनों में की गई है?
|type="()"}
- [[ऋग्वेद]]
- [[सामवेद]]
+ [[यजुर्वेद]]
- [[अथर्ववेद]]
||'यजुष' शब्द का अर्थ है- '[[यज्ञ]]'। यर्जुवेद मूलतः कर्मकाण्ड ग्रन्थ है। इसकी रचना [[कुरुक्षेत्र]] में मानी जाती है। [[चित्र:Yajurveda.jpg|thumb|150px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]] यजुर्वेद में आर्यो की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि [[आर्य]] 'सप्त सैंधव' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक पूजा के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के मंत्रों का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक पुरोहित करता था। इस [[वेद]] में अनेक प्रकार के यज्ञों को सम्पन्न करने की विधियों का उल्लेख है। यह गद्य तथा पद्य दोनों में लिखा गया है। गद्य को 'यजुष' कहा गया है। यजुर्वेद का अन्तिम अध्याय [[ईशावास्योपनिषद|ईशावास्य उपनिषयद]] है, जिसका सम्बन्ध आध्यात्मिक चिन्तन से है। उपनिषदों में यह लघु [[उपनिषद]] आदिम माना जाता है क्योंकि इसे छोड़कर कोई भी अन्य उपनिषद संहिता का भाग नहीं है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[यजुर्वेद]]
{वेदान्त किसे कहा गया है?
|type="()"}
- [[वेद|वेदों]] को
- [[आरण्यक|आरण्यकों]] को
- [[ब्राह्मण ग्रंथ|ब्राह्मण ग्रंथों]] को
+ [[उपनिषद|उपनिषदों]] को
||[[वेद]] का वह भाग जिसमें विशुद्ध रीति से आध्यात्मिक चिन्तन को ही प्रधानता दी गयी है और फल सम्बन्धी कर्मों के दृढानुराग को शिथिल करना सुझाया गया है, 'उपनिषद' कहलाता है। उपलब्ध उपनिषद-ग्रन्थों की संख्या में से ईशादि 10 उपनिषद तो सर्वमान्य हैं। इनके अतिरिक्त 5 और उपनिषद (श्वेताश्वतरादि), जिन पर आचार्यों की टीकाएँ तथा प्रमाण-उद्धरण आदि मिलते हैं, सर्वसम्मत कहे जाते हैं। इन 15 के अतिरिक्त जो उपनिषद उपलब्ध हैं, उनकी शब्दगत ओजस्विता तथा प्रतिपादनशैली आदि की विभिन्नता होने पर भी यह अवश्य कहा जा सकता है कि इनका प्रतिपाद्य ब्रह्म या आत्मतत्त्व निश्चयपूर्वक अपौरूषेय, नित्य, स्वत:प्रमाण वेद-शब्द-राशि से सम्बद्ध है। उपनिषदों की कुल संख्या 108 है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनिषद]]
{'असतो मा सदगमय' कहाँ से लिया गया है?
|type="()"}
+ [[ऋग्वेद]] से
- [[सामवेद]] से
- [[यजुर्वेद]] से
- [[अथर्ववेद]] से
|| सबसे प्राचीनतम है। 'ॠक' का अर्थ होता है छन्दोबद्ध रचना या श्लोक। [[चित्र:Rigveda.jpg|thumb|150px|ॠग्वेद का आवरण पृष्ठ]] ॠग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्त्रोतों की प्रधानता है। ॠग्वेद में कुल दस मण्डल हैं और उनमें 1,029 सूक्त हैं और कुल 10,580 ॠचाएँ हैं। ये स्तुति मन्त्र हैं। ॠग्वेद के दस मण्डलों में कुछ मण्डल छोटे हैं और कुछ मण्डल बड़े हैं। ऋग्वेद के समस्य सूक्तों के ऋचाओं (मंत्रों) की संख्या 10600 है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ॠग्वेद]]
{किस [[उपनिषद]] को बुद्ध से भी प्राचीन माना जाता है?
|type="()"}
+ [[कठोपनिषद]]
- [[छान्दोग्य उपनिषद]]
- [[बृहदारण्यकोपनिषद]]
- [[मुण्डकोपनिषद]]
||कृष्ण [[यजुर्वेद]] शाखा का यह उपनिषद अत्यन्त महत्त्वपूर्ण उपनिषदों में है। इस उपनिषद के रचयिता कठ नाम के तपस्वी आचार्य थे। वे मुनि वैशम्पायन के शिष्य तथा यजुर्वेद की कठशाखा के प्रवृर्त्तक थे। इसमें दो अध्याय हैं और प्रत्येक अध्याय में तीन-तीन वल्लियां हैं, जिनमें वाजश्रवा-पुत्र [[नचिकेता]] और यम के बीच संवाद हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कठोपनिषद]]
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07:32, 23 दिसम्बर 2010 का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान

1 मोहन जोदड़ो स्नानागार के पूर्व में स्थित स्तूप का निर्माण किस काल में किया गया?

मौर्य काल
कुषाण काल
शुंग काल
सातवाहन काल

2 'सिंध का बाग' या 'मृतकों का टीला' हड़प्पा सभ्यता के किस काल में किया गया?

हड़प्पा
कालीबंगा
मोहन जोदड़ो
लोथल

3 भारत में कृषि का प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से मिलता है?

हड़प्पा
मेहरगढ़
सराय नहर
बुर्जहोम

4 अब तक सिंधु सभ्यता में कुल कितनी फसलों के उगाये जाने का संकेत मिल चुका है?

तीन
पाँच
नौ
ग्यारह

5 उत्तरोत्तर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष कहाँ से मिलते हैं?

रंगपुर
कालीबंगा
लोथल
रोपड़

6 सुरकोटदा किस लिए प्रसिद्ध है?

परिपक्व हड़प्पा संस्कृति के लिए
घोड़े की हड्डियों के अवशेष के लिए
युगल शवाधान के लिए
उपर्युक्त सभी के लिए

7 मोहन जोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत निम्न में से कौन सी है?

स्नानागार
स्नानागार
ईटों से बना सभा भवन
उपर्युक्त में से कोई नहीं

8 सिंधु सभ्यता में कुम्भकारों के भट्ठों के अवशेष कहाँ मिलते हैं?

हड़प्पा में
कालीबंगा में
मोहन जोदड़ो
लोथल में

9 सैन्धव निवासियों का प्रिय पशु निम्न में से कौन-सा था?

कुत्ता
साँड़
घोड़ा
ऊँट

10 सैंधव सभ्यता के सम्बन्ध में निम्न में से कौन असत्य है?

ये लकड़ी के हल का प्रयोग करते थे
सबसे पहले कपास पैदा करने का श्रेय सिन्धु निवासियों को है
नहरों के द्वारा सिंचाई की जाती थी
कोठार सिन्धु संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग थे

11 हड़प्पा सभ्यता की मुद्राएँ किससे निर्मित की जाती थीं?

तांबे से
सोने से
मिट्टी से
कांस्य

12 हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत हल से जोते गये खेतों का साक्ष्य कहाँ से मिलता है?

रोपड़
लोथल
कालीबंगा
वनमाली

13 हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषता निम्न में से कौन-सी है?

स्नानागार
धार्मिक स्थल
नगर नियोजन
अन्नागार

14 वैदिक साहित्य के अंतर्गत आने वाले निम्नलिखित ग्रंथों में कौन बेमेल है?

स्मृतियाँ
वेद
उपनिषद
आरण्यक

15 ऋग्वेद का वह कौन-सा प्रतापी देवता है, जिसका 250 सूक्तों में वर्णन मिलता है?

अग्नि
इन्द्र
वरुण
द्यौ

16 ऋग्वैदिक काल में विनिमय के माध्यम के रूप में किसका प्रयोग किया जाता था?

अनाज
मुद्रा
गाय
दास

17 ऋग्वैदिक युगीन नदी 'परुष्णी' का महत्व क्यों है?

सर्वाधिक पवित्र नदी होने के कारण
ऋग्वेद में सबसे अधिक बार उल्लेख होने के कारण
दशराज्ञ युद्ध के कारण
उपर्युक्त सभी

18 ऋग्वेद में निम्न में से किसका उल्लेख नहीं मिलता है?

कृषि
यव
ब्रीहि
कपास

19 ऋग्वेद के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?

योद्धा
पुरोहित
शूद्र
चाण्डाल

20 ऋग्वेद में उल्लिखित कुल क़रीब 25 नदियों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी कौन-सी थी?

गंगा नदी
यमुना नदी
सरस्वती नदी
सिन्धु नदी

21 ऋग्वेद में 'जन' और 'विश' का उल्लेख क्रमश: कितनी बार हुआ है?

(250,175)
(275,175)
(200,150)
(275,170)

22 ऋग्वैदिक युग की सर्वाधिक प्राचीन संस्था कौन-सी थी?

सभा
समिति
विद्थ
परिषद

23 'आर्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?

वीर
श्रेष्ठ या कुलीन
विद्वान
यज्ञकर्ता

24 ऋग्वैदिक आर्यों की भाषा क्या थी?

द्रविड़ भाषा
प्राकृत भाषा
संस्कृत भाषा
पालि भाषा