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{बूँदी नरेश महाराज भावसिंह का आश्रित कवि निम्नलिखित में से कौन था? | {बूँदी नरेश महाराज भावसिंह का आश्रित कवि निम्नलिखित में से कौन था? | ||
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-बिहारी | -[[बिहारी लाल|बिहारी]] | ||
-बोधा | -बोधा | ||
+मतिराम | +मतिराम | ||
-ठाकुर | -ठाकुर | ||
{भूषण का निम्नलिखित में से कौन सा लक्षण ग्रंथ है? | {[[भूषण]] का निम्नलिखित में से कौन सा लक्षण ग्रंथ है? | ||
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+शिवराज भूषण | +शिवराज भूषण | ||
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+हरिवंशराय 'बच्चन | +हरिवंशराय 'बच्चन | ||
{ 'बिहारी सतसई' पर किस ग्रंथ का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है? | {'बिहारी सतसई' पर किस ग्रंथ का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है? | ||
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+गाथा सप्तशती | +गाथा सप्तशती | ||
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{ 'बिहारी सतसई' की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण है? | {'बिहारी सतसई' की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण है? | ||
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+कल्पना की समाहार शक्ति | +कल्पना की समाहार शक्ति | ||
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-पिंगल वर्णन | -पिंगल वर्णन | ||
{ बिहारी किस राजा के दरबारी कवि थे? | {[[बिहारी लाल|बिहारी]] किस राजा के दरबारी कवि थे? | ||
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-बूँदी नरेश महाराज भावसिंह के | -बूँदी नरेश महाराज भावसिंह के | ||
+[[जयपुर]] नरेश [[जयसिंह]] के | +[[जयपुर]] नरेश [[जयसिंह]] के | ||
-[[नागपुर]] के[[सूर्यवंश|सूर्यवंशी]] भोंसला मकरन्द शाह के | -[[नागपुर]] के [[सूर्यवंश|सूर्यवंशी]] भोंसला मकरन्द शाह के | ||
-चित्रकूट नरेश रुद्रदेव के | -चित्रकूट नरेश रुद्रदेव के | ||
||आमेर नरेश मिर्जा [[जयसिंह]] [[मुग़ल काल|मुग़ल]] दरबार का सर्वाधिक प्रभावशाली सामंत था, वह [[औरंगजेब]] की आँख का काँटा बना हुआ था। जिस समय दक्षिण में [[शिवाजी]] के विजय−अभियानों की घूम थी, और उनसे युद्ध करने में अफजलख़ाँ एवं शाइस्ताख़ाँ की हार हुई थी, तथा राजा [[यशवंतसिंह]] को भी सफलता मिली थी; तब [[औरंगजेब]] ने मिर्जा राजा जयसिंह को शिवाजी को दबाने के लिए भेजा था। इस प्रकार वह एक तीर से दो शिकार करना चाहता था। जयसिंह ने बड़ी बुद्धिमत्ता, वीरता और कूटनीति से [[शिवाजी]] को औरंगजेब से संधि करने के लिए राजी किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयसिंह]] | ||आमेर नरेश मिर्जा [[जयसिंह]] [[मुग़ल काल|मुग़ल]] दरबार का सर्वाधिक प्रभावशाली सामंत था, वह [[औरंगजेब]] की आँख का काँटा बना हुआ था। जिस समय दक्षिण में [[शिवाजी]] के विजय−अभियानों की घूम थी, और उनसे युद्ध करने में अफजलख़ाँ एवं शाइस्ताख़ाँ की हार हुई थी, तथा राजा [[यशवंतसिंह]] को भी सफलता मिली थी; तब [[औरंगजेब]] ने मिर्जा राजा जयसिंह को शिवाजी को दबाने के लिए भेजा था। इस प्रकार वह एक तीर से दो शिकार करना चाहता था। जयसिंह ने बड़ी बुद्धिमत्ता, वीरता और कूटनीति से [[शिवाजी]] को औरंगजेब से संधि करने के लिए राजी किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयसिंह]] |
07:02, 25 दिसम्बर 2010 का अवतरण
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