पन्ने पर जाएँ
1 'लहरें व्योम चूमती उठती। चपलाएँ असंख्य नचती।' पंक्ति जयशंकर प्रसाद के किस रचना का अंश है?
2 'दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात,/ अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।।' पंक्ति के रचनाकार हैं?
3 'निराला के राम तुलसीदास के राम से भिन्न और भवभूति के राम के निकट हैं।' यह कथन किस हिन्दी आलोचना का है?
4 'राम की शक्तिपूजा' में निराला की इन दो कविताओं का सारतत्व समाहित है?
5 किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है?
6 व्यवस्थाप्रियता और विद्रोह का विलक्षण संयोग किस प्रयोगवादी कवि में सबसे अधिक मिलता है?
7 भारतेन्दु कृत 'भारत दुर्दशा' किस साहित्य रूप का हिस्सा है?
8 'जो अपनी जान खपाते हैं, उनका हक उन लोगों से ज़्यादा है, जो केवल रुपया लगाते हैं।' यह कथन 'गोदान' के किस पात्र द्वारा कहा गया है?
9 'पवित्रता की माप है, मलिनता, सुख का आलोचना है. दुःख, पुण्य की कसौटी है पाप।' यह कथन 'स्कन्दगुप्त' नाटक के किस पात्र का है?
10 'मनुष्य के आचरण के प्रवर्तक भाव या मनोविकार ही होते हैं, बुद्धि नहीं।' यह कथन है?
11 'रस मीमांसा' रस-सिद्धांत से सम्बन्धित पुस्तक है, इस पुस्तक के लेखक हैं?
12 'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता' अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है?
13 मनुष्य से बड़ा है उसका अपना विश्वास और उसका ही रचा हुआ विधान। अपने विश्वास और विधान के सम्मुख ही मनुष्य विवशता अनुभव करता है और स्वयं ही वह उसे बदल भी देता है॥' यह कथन किस उपन्यासकार ने लिखा है?
14 वीरों का कैसा हो वसंत कविता के रचयिता हैं?
15 'संदेश रासक' के रचयिता हैं?
16 'साखी' के रचयिता हैं?
17 मसि कागद छुयो नहीं कलम गही नहिं हाथ॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं?
18 लोग हैं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तो मेरे कवित्त बनावत प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं?
19 बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है, यह कथन किसका है?