चावण्ड
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- उदयपुर से ऋषभदेव जाने वाली सड़क पर सघन अरावली पहाड़ियों के पठारी भाग में चावण्ड गाँव बसा हुआ है। चावण्ड जिस पहाड़ी इलाक़े में बसा हुआ है, वह 'छप्पन' का इलाक़ा कहलाता है।
- यह पहले यह छप्पनियें राठौड़ों का वतन था। प्रताप ने इस पर आक्रमण कर हल्दीघाटी युद्ध के पश्चात अपनी नयी राजधानी बनाया। चावण्ड गाँव से सटी हुई पहाड़ी पर प्रताप ने महल बनवाये थे जो आज खण्डहर मात्र हैं। यहाँ के खण्डहरों के निचले भाग में चामुण्डा माता का मन्दिर बना हुआ है।
- यह मन्दिर महाराणा प्रताप ने ही बनवाया था। यह भी उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप की मृत्यु चावण्ड में ही हुई थी[1]।
- चावण्ड गाँव से लगभग डेढ़ मील दूर बण्डोली गाँव है, उसके पास जो नाला बहता है, उसी नाले के किनारे प्रताप का दाह संस्कार किया गया था। इस स्थल पर स्मारक स्वरूप एक छतरी बनी हुई है
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वीर विनोद 11, पृ. 159