सुदास
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- अश्विनी कुमारों ने अपने रथ में भरकर सुदास नामक राजा के पास धन तथा अन्न पहुँचाया था।
- सुदास के लिए इन्द्र ने शत्रुओं को कुशा के समान काट डाला।[1]
- क्षत्रिय यजमान को यज्ञ के अवसर पर क्या भक्षण करना चाहिए, इसका ज्ञान वसिष्ठ ने सुदास को दिया था।[2]
- इन्द्र-सम्बन्धी महाभिषेक द्वारा वसिष्ठ ने पिजवन पुत्र सुदास का अभिषेक किया।
- इससे सुदास महाबली वन समुद्र पर्यंत पृथ्वी को जीतता हुआ परिभ्रमण करने लगा और उसने अश्वमेध यज्ञ किया।[3]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ॠग्वेद 1।46।6, ॠग्वेद 1।63।6, ऐतरेय ब्राह्मण, 1।2।1, 5।2।4
- ↑ ऐतरेय ब्राह्मण, 8।21।
- ↑ दे. युक्ताश्व, ऐतरेय ब्राह्मण, 7।34