सरस्वती सम्मान

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  • सरस्वती सम्मान एक साहित्य पुरस्कार है। के.के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 1991 में सरस्वती सम्मान की शुरूआत की गई थी, जिसके तहत भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के भारतीय लेखकों की पिछले 10 सालों में प्रकाशित साहित्यिक कृति को पुरस्कृत किया जाता है।
  • इसके तहत सात लाख पचास हज़ार रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र और पट्टिका प्रदान की जाती है।
  • पहला सरस्वती सम्मान 1991 में हिंदी के कालजयी कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार भागों में प्रकाशित आत्मकथा को दिया गया।
  • 2009 का सरस्वती सम्मान सुरजीत पातर को उनके पंजाबी काव्य संग्रह 'लफ्जों दी दरगाह' के लिए दिया गया था।
  • 2010 के 20 वें सरस्वती सम्मान के लिए कन्नड़ के प्रसिद्ध लेखक प्रो. एस.एल. भयरप्पा के उपन्यास 'मंद्र' को चुना गया।
  • इस सम्मान से सम्मानित होने वालों में अन्य लेखकों में रमाकांत रथ (उड़िया), विजय तेंदुलकर (मराठी), डा. हरभजन सिंह (पंजाबी), बालमणि अम्मा (मलयालम), शमसुर रहमान फ़ारूखी (उर्दू), मनुभाई पंचोली 'दर्शक' (गुजराती), प्रो. शंख घोष (बांग्ला), इंद्रा पार्थसारथी (तमिल), मनोज दास (उड़िया), दलीप कौर तिवाना (पंजाबी), महेश अलकौंचवार (मराठी),प्रो. गोविन्द चंद्र पांडे (संस्कृत) सुनील गंगोपाध्याय (बांग्ला), प्रो. के अय्यप्पा पणिकर (मलयालम), जगन्नाथ प्रसाद दास (उड़िया), नैयर मसूद (उर्दू) और लक्ष्मी नंदन बोरा (असमी) शामिल हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ