कोलकाता की अर्थव्यवस्था

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
कोलकाता के बाज़ार में चूड़ियाँ
Bangles in Kolkata Market

भारत के एक मुख्य आर्थिक केन्द्र के रूप में कोलकाता की जड़ें उसके उद्योग, आर्थिक एवं व्यापारिक गतिविधियों और मुख्य बंदरगाह के रूप में उसकी भूमिका में निहित है; यह मुद्रण, प्रकाशन और समाचार पत्र वितरण के साथ-साथ मनोरंजनक का केन्द्र है। कोलकाता के भीतरी प्रदेश के उत्पादों में कोयला, लोहा, मैंगनीज, अभ्रक, पेट्रोल, चाय और जूट शामिल हैं। 1950 के दशक से बेरोज़गारी एक सतत व बढ़ती हुई समस्या है। कोलकाता में बेरोज़गारी बहुत हद तक महाविद्यालय शिक्षा प्राप्त और लिपिक व अन्य सफ़ेदपोश व्यवसायों के लिए प्रशिक्षित लोगों की समस्या है।

उद्योग

विश्व में ज़्यादा जूट-प्रसंस्करण कोलकाता में किया जाता है। सर्वप्रथम 1870 के दशक में जूट उद्योग की स्थापना हुई थी और हुगली नदी के दोनों तटों पर शहर के केन्द्र उत्तर और दक्षिण तक जूट मिलें फैली हुई हैं। अभियांत्रिकी इस शहर का एक प्रमुख उद्योग है। इसके अतिरिक्त यहाँ कारख़ाने कई प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं, मुख्यतः खाद्य पदार्थ, पेय, तम्बाकू, वस्त्र और रसायनों का निर्माण व वितरण करते हैं। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद से कोलकाता के उद्योगों का पतन हो रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, स्वतंत्रता के समय पूर्वी बंगाल को खो देना, कोलकाता के समग्र औद्योगिक उत्पादकता में कमी और शहर में औद्योगिक वैविध्य का पतन।

वित्त एवं व्यापार

देश के संगठित वित्त बाज़ार में कोलकाता शेयर बाज़ार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलकाता में विदेशी बैंकों का भी महत्त्वपूर्ण व्यापारिक आधार है, हालाँकि अंतराष्ट्रीय बैंकिग केन्द्र के रूप में शहर का दावा कमज़ोर हो गया है। कोयला खदानों, जूट मिलों और कई वृहद अभियांत्रिकी उद्योगों की नियंत्रक एजेंसियाँ कोलकाता में स्थित हैं। बंगाल उद्योग एवं व्यापार मण्डल (बेंगाल चेंबर आफ़ कामर्स ऐंड इंडस्ट्री), बंगाल राष्ट्रीय उद्योग एवं व्यापार मण्डल (बंगाल नेशनल चेंबर ऑफ़ कामर्स ऐंड इंडस्ट्री) और भारतीय व्यापार मण्डल के मुख्यालय यहीं पर स्थित हैं। शहर की अर्थव्यवस्था मुख्यतः व्यापार पर आधारित है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है, कि लगभग 40 प्रतिशत मज़दूर व्यापार एवं वाणिज्य गतिविधियों में संलग्न हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण व्यवसायों में सार्वजनिक क्षेत्र में शासकीय विभाग, वित्तीय संस्थान और चिकित्सा एवं शिक्षा संस्थानों में सेवाएँ शामिल हैं। निजी क्षेत्र की सेवाओं में शेयर बाज़ार, चिकित्सा एवं शिक्षा सेवाएँ, लेखा एवं ऋणदाता संस्थाएँ, व्यापार मण्डल और विभिन्न उपयोगी सेवाएँ शामिल हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख