वर्ष
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तिथि क्रम
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15वीं शताब्दी
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कोलकाता का ज़िक्र बिप्रदास के 15वीं शताब्दी के प्रसिद्ध उपन्यास 'मानस मंगल' में पाया जाता है। उपन्यास के चरित्र 'चाँद सौदागर सप्तग्राम' के मार्ग में पड़ने वाले कालीघाट के काली देवी के मन्दिर में पूजा करने जाते हैं।
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1530
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जब पुर्तग़ाली पहली बार बंगाल आये तब चित्तगोंग और सप्तग्राम व्यापार के बड़े केन्द्र के रूप में उभरे।
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1596
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बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक, अबुल फ़ज़ल द्वारा लिखे 'आइने-अकबरी' में सतगाँव (सप्तग्राम) राज्य में कलकत्ता का ज़िक्र आता है।
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1690
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ईस्ट इंडिया कम्पनी (स्थापित 1600) के प्रतिनिधि जॉब चर्नोक सूतानीति गाँव में आकर बसे।
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1693
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जॉब चर्नोक का निधन।
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1696
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कलकत्ता के कारखाने को क़िला बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया।
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1698
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ईस्ट इंडिया कम्पनी ने स्थानीय ज़मींदार सबर्ण चौधरी से तीन गाँव (सूतानीति, कोलिकाता, गोबिन्दपुर) ख़रीदे।
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1699
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ईस्ट इंडिया कम्पनी ने कलकत्ता का राजधानी के रूप में विकास शुरू किया।
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1707
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मुग़ल शासक औरंग़ज़ेब का निधन।
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1715
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अग्रेज़ों ने पुराने क़िले का निर्माण पूरा किया।
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1717
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मुग़ल शासक फ़र्रुख़स्यार ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को सालाना 3000 रुपए के भुगतान पर व्यापार की अनुमति दी।
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1727
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किंग जॉर्ज प्रथम के निर्देशानुसार दिवानी अदालत के साथ नगर निगम की स्थापना हुई और हॉलवैल नगर के प्रथम महापालिकाध्यक्ष बने।
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1740
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अलीवर्दी ख़ाँ बंगाल के नवाब बने।
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1756
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अलीवर्दी ख़ाँ का निधन हुआ और शिराज-उद-दौला बंगाल के नवाब बने। शिराज-उद-दौला ने कलकत्ता पर क़ब्ज़ा किया और शहर का नाम अलीनगर रखा।
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1757
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प्लासी (ज़िला नादिया) की लड़ाई में अग्रेज़ों ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में शिराज-उद-दौला को हराया।
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1757
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अग्रेज़ी मुद्रा सबसे पहले कलकत्ता के टकसाल में ढाली गई।
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1765
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क्लाइव ने बादशाह आलम द्वितीय (दिल्ली) से बंगाल, बिहार और उड़ीसा के चुँगी अधिकार प्राप्त किये।
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1770
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बंगाल में अकाल पड़ा।
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1772
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गवर्नर जनरल वॉरन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश भारत की राजधानी मुर्शिदाबाद से कलकत्ता बदली।
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1775
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वॉरन हेस्टिंग्स पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर एक स्थानीय ज़मींदार नन्द कुमार को झूठे आरोपों पर फाँसी दी गई।
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1780
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'द बंगाल गज़ेट'(The Bengal Gazzette) अख़बार का छपाई कारख़ाना जेम्स हिकी द्वारा स्थापित किया गया।
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1784
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पहला आधिकारिक अख़बार "द कलकत्ता गज़ेट" (The Calcutta Gazzette) का प्रकाशन।
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1784
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सर विलियम जॉन्स की पहल से "ऐशियाटिक समाज" (Asiatic Society) स्थापित हुआ।
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1795
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पहला बंगाली नाट्य "काल्पनिक गीत बदोल" जेरसिम स. लेबेदेफ़ द्वारा रंगमंच पर लाया गया
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1801
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फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना
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1804
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गवर्नर का घर (वर्तमान समय में राज भवन) का निर्माण हुआ
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1813
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टाउन हॉल का निर्माण हुआ
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1818
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पहली बंगाली पत्रिका "दिगदर्शन" का प्रकाशन श्रीरामपुर में डेविड हरे की मदद से हुआ
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