उज्जयंत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

'तत्र पिंडारकं नाम तापसाचरितं शिवम्।
उज्जयन्तश्च शिखर: क्षिप्र सिद्धकरो महान्'[1]

'शिखरत्रय भेदेन नाम भेदमगादसौ, उज्जयन्तो रैवतक: कुमुदश्चेति भूधर:'।

  • रुद्रदामन के गिरनार अभिलेख में इसे ऊर्जयन् कहा गया हैं।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख