बेलि (रमैनी)
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कबीर ग्रन्थावली में दो रचनाएँ बेलि शीर्षक से दी गयी हैं। एक में 30 पंक्तियाँ और दूसरी में 16। प्रत्येक पंक्ति के अन्त में 'हो रमैया हो' नाम से 10 मात्राओं की टेक भी है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शर्मा, रामकिशोर कबीर ग्रन्थावली (हिंदी), 100।
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