वीरेंद्र सहवाग
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वीरेंद्र सहवाग
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | वीरेंद्र सहवाग | ||
अन्य नाम | वीरू, नज़फगढ़ के नवाब, मुल्तान के सुल्तान और जेन मास्टर | ||
जन्म | 20 अक्टूबर, 1978 | ||
जन्म भूमि | हरियाणा | ||
पत्नी | आरती सहवाग | ||
संतान | दो बेटे हैं। | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दाएँ हाथ के बल्लेबाज़ | ||
गेंदबाज़ी शैली | दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज | ||
टीम | भारत, एशिया एकादश, दिल्ली डेयरडेविल्स, दिल्ली, आईसीसी वर्ल्ड एकादश, इंडिया ब्लू, विश्व एकादश, भारत अंडर-19 उप कप्तान | ||
भूमिका | बल्लेबाज | ||
पहला टेस्ट | नवंबर 2001 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (ब्लूमफ़ोंटिन) | ||
पहला वनडे | अप्रैल 1999 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ (मोहाली) | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | |||
बनाये गये रन | |||
बल्लेबाज़ी औसत | |||
100/50 | |||
सर्वोच्च स्कोर | |||
फेंकी गई गेंदें | |||
विकेट | |||
गेंदबाज़ी औसत | |||
पारी में 5 विकेट | |||
मुक़ाबले में 10 विकेट | |||
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | |||
कैच/स्टम्पिंग |
जीवन परिचय
भारत का एक बल्लेबाज जिससे दुनिया का हर गेंदबाज खौफ खाता है, वो है वीरेंद्र सहवाग। यह मानना है इमरान खान से लेकर रिचर्ड हेडली और बॉब विलिस के दिल में खौफ पैदा करने वाले विवियन रिचर्ड्स का। रिचर्डस का तो यहां तक मानना है कि वर्ल्ड क्रिकेट में उनके बाद यदि कोई विस्फोटक बैट्समैन पैदा हुआ है, तो वो है भारत का विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग। क्रिकेट की दुनिया में यही परिचय है सहवाग का और यह माना जाता है कि सहवाग जबतक क्रीज पर मौजूद हैं तो, कोई भी असंभव सा लगने वाला स्कोर बनाया जा सकता है। वीरेंदर सहवाग का बल्ला जब चलता है तो ख़ूब चलता है। आक्रामक बल्लेबाज़ सहवाग ने भारत को ऐसा विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ दिया है जो दुनिया के किसी भी आक्रमण की बखिया उधेड़ सकता है। सहवाग भारतीय टीम को बहुत तेज शुरुआत देते हैं और गेंदबाजों पर शुरू से ही हावी हो जाते हैं। सहवाग अगर अपने लय में हों तो किसी भी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं।
वीरेंद्र सहवाग दुनिया भर के गेंदबाजों के लिए आतंक का पर्याय बन चुके हैं। सहवाग जब क्रीज पर रहते हैं, तब तक विरोधियों के माथे पर उनकी क्रीज पर मौजूदगी का खौफ साफ-साफ देखा जा सकता है। तेज गेंदबाजी आक्रमण हो या स्पिन सहवाग अगर अपने रंग में होते हैं तो किसी को नहीं बख्शते हैं।
आरंभिक जीवन
सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को हरियाणा के जाट परिवार में हुआ। सहवाग अपने माता-पिता के चार बच्चों में तीसरे संतान हैं। सहवाग से बड़ी दो बहने मंजू और अंजू हैं जबकि उनसे छोटे एक भाई हैं जिनका नाम विनोद है। सहवाग के पिता बताते हैं कि उनमें क्रिकेट के लिए प्यार सात माह की उम्र से ही जाग गया था, जब उनके पिता ने पहली बार उन्हें खिलौना बैट दिया था। 2004 में सहवाग ने शादी रचाई और उनकी पत्नी हैं आरती सहवाग। इन दोनों को दो बेटे भी हैं।
क्रिकेट में
वीरू, नज़फगढ़ के नवाब, मुल्तान के सुल्तान और जेन मास्टर ऑर माडर्न क्रिकेट के उपनामों से जाने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। इस मैच में सहवाग एक रन बनाकर चलते बने और गेंदबाजी के दौरान तीन ओवरों में 35 रन दे डाले। इसके बाद सहवाग को काफी समय तक टीम में शामिल नहीं किया गया। जिंबाब्वे के खिलाफ घरेलू सीरीज में दिसंबर 2000 में सहवाग को फिर से टीम में शामिल किया गया। अगस्त 2001 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्राई सीरीज में सहवाग ने पारी की शुरुआत करते हुए करियर का पहला अर्धशतक जमाया। इसी सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 69 रनों पर शतक ठोककर सहवाग ने अपने हुनर का नमूना पेश किया।
टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से तीहरा शतक जड़ने की रिकार्डधारी सहवाग ने 228 एकदिवसीय मैच में 13 शतक और 36 अर्धशतकों की मदद से 7380 रन बनाए हैं। उनका एकदिवसीय बैटिंग औसत 34.65 का है। एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है। दिलचस्प तथ्य यह है कि सहवाग की आक्रामक खेल शैली वनडे क्रिकेट के अनुकूल है लेकिन वह टेस्ट मैचों में अधिक सफल रहे हैं जिसमें उन्होंने 69 टेस्ट मैचों में 50.06 के औसत से 15 शतक और 18 अर्धशतकों समेत 5757 रन बनाए हैं।
एकदिवसीय में सबसे तेज गति से शतक बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है। उन्होंने मार्च 2010 में हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर्फ 60 गेंदों पर शतक बनाया। टेस्ट क्रिकेट में प्रारंभिक विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है। राहुल द्रविड़ के साथ 410 रन की साझेदारी करके वीरू ने कीर्तिमान बनाया था। वीरू टी-20 मैच में अभी तक शतक नहीं लगा पाए हैं। इस श्रेणी के क्रिकेट में उनका अब तक का सर्वाधिक स्कोर 94 रन है।
सहवाग क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को अपना मार्गदर्शक मानते हैं। अपनी बैटिंग शैली के लिए सहवाग की तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाती है। बड़े स्कोर बनाने के मामले में वह ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा के समकक्ष ठहरते हैं। उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर इस मामले में उनसे कहीं पीछे हैं।
सहवाग भारतीय टीम के लिए एक उपयोगी ऑफ स्पिनर भी हैं। टेस्ट क्रिकेट में 43.62 के औसत से 29 विकेट और एकदिवसीय क्रिकेट में 40.58 के औसत से 84 विकेट हासिल कर चुके हैं।
तिहरा शतक
सहवाग एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ा है। ब्रैडमैन और लारा के बाद सहवाग दुनिया के तीसरे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके अलावा वह दुनिया के एकमात्र ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक बनाने के साथ एक पारी में पांच विकेट भी हासिल किए हैं।
सहवाग भारत के अकेले बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सर्वाधिक 319 रन का रिकार्ड बनाया है। जो उन्होंने 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। यह भारतीय रिकार्ड है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा यह सबसे तेज गति से बनाया तिहरा शतक भी है। इसके लिए उन्होंने मात्र 278 गेंद खेलीं। इससे पहले उन्होंने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में 309 रन की पारी खेली थी।
सहवाग को बड़े-बड़े शतक बनाने की आदत रही है। टेस्ट मैचों में उन्होंने जो अंतिम 11 शतक बनाए हैं सभी में 150 से ऊपर स्कोर किया है। इनमें दो तिहरे और तीन दोहरे शतक शामिल हैं।
अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़ने वाले सहवाग की तुलना उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर से की जाने लगी थी। लेकिन समय के साथ सहवाग ने साबित किया कि उनका अपना एक अलग स्टाइल है, स्ट्रोक है। सहवाग का अच्छा समय रहा तो बुरा समय भी रहा। लंबे समय तक वे भारतीय टीम से अलग भी रहे। ख़ासकर 2007 के विश्व कप के बाद तो उनका वनवास कुछ लंबा ही रहा। लेकिन वापसी हुई तो ज़बरदस्त। सहवाग ने वनडे के साथ-साथ टेस्ट में भी सलामी बल्लेबाज़ी की है और ख़ूब चले भी हैं। बल्ले के साथ-साथ सहवाग उपयोगी गेंदबाज़ भी हैं और कई मौक़े पर उन्होंने भारत को अहम सफलताएँ दिलाई हैं। भारत के लिए टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी सहवाग के नाम ही है। यही नहीं वे डॉन ब्रैडमैन और ब्रायन लारा के बाद तीसरे ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरा शतक लगा चुका है।
रोचक तथ्य
- पहला वनडे: अप्रैल 1999 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ (मोहाली)
- पहला टेस्ट: नवंबर 2001 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (ब्लूमफ़ोंटिन)
- पहला ट्वेन्टी 20: दिसंबर 2006 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (जोहानेसबर्ग)
- आईसीसी रैंक :- बल्लेबाजी: 6 गेंदबाजी: 85 (टेस्ट) / बल्लेबाजी: 13 गेंदबाजी: 143 (एकदिवसीय)
- सहवाग दुनिया के महज तीसरे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक जड़े।
- तीस से ज्यादा औसत के साथ सहवाग का स्ट्राइक रेट दुनिया में सबसे ज्यादा है।
सम्मान
सहवाग को 2008 में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए ‘विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड’ से सम्मानित किया गया। सहवाग ने इस पुरस्कार को 2009 में भी अपने नाम किया। इसके अलावा वीरू को 2002 में अर्जुन पुरस्कार का सम्मान मिल चुका है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ