गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु
गुरुर्देव महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म
तत्समये श्री गुरुवे नम:
जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा...
जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा...
ये धरती वो जहाँ ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहाँ हर बालक एक एक मोहन है और राधा इक एक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा...
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये तो फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा...
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है होली के कहीं मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा...
जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी यहाँ बजाता आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा...
जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा...