घुमली

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:49, 23 जून 2017 का अवतरण (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

घुमली जामनगर ज़िला, काठियावाड़, गुजरात में स्थित है। यह सौराष्ट्र के 'जाठव' राजवंश की राजधानी थी। इसके खंडहर जामनगर के निकट अवस्थित हैं। किंवदंती है कि जाठव नरेश महाभारत के सिंधुराज जयद्रथ के वंशज थे। 7वीं शती ई. के मध्य काल में ये लोग सिंध से कच्छ होते हुए आए और सौराष्ट्र में बस गए।[1]

  • 'शलकुमार' नामक राजा ने इस नए जाठव राजवंश की नींव डाली थी।
  • घुमली का प्राचीन नाम 'भूभृतपल्ली' या 'भूतांबिलिका' था, जो कालांतर में बिगड़कर झुमली और फिर घुमली बन गया।
  • मध्ययुगीन इमारतों तथा मंदिरों के भग्नावशेष आदि घुमली में स्थित हैं। इनमें नौलखा मंदिर प्रसिद्ध है।
  • एक किंवदंती के अनुसार चौदहवीं शती ई. में घुमली का पतन हुआ, जिसका कारण 'सोना' नामक एक लोहकार कन्या का शाप था।
  • इसके पश्चात् इस राजवंश की राजधानी पोरबंदर में बनी जहाँ, 1947 तक इस प्राचीन राजकुल का राज्य रहा।
  • घुमली नगर वेत्रवती नदी (वर्तमान वर्तोई) के तट पर बसा था। इसके प्राचीन नाम का उल्लेख यहाँ से प्राप्त ताम्रपट्ट लेखों में है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 312 |

संबंधित लेख