कमेनियस जॉन एमॉस
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कमेनियस जॉन एमॉस (1592-1670) 'मोराविया' (वर्तमान चेकोस्लोवाकिया) के महान शिक्षाविद, धर्मशास्त्रवेत्ता और तत्वज्ञानी थे। उन्हें 'आधुनिक शिक्षाविज्ञान का जन्मदाता' माना जाता है। 140 से भी अधिक ग्रंथों की रचना कमेनियस जॉन एमॉस ने की थी।[1]
- आधुनिक शिक्षा की 'निगमन विधि' और ज्ञान के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय सहकारिता के विचारों की पूर्व कल्पनाएँ कमेनियस जॉन एमॉस के ग्रंथों में है।
- कमेनियस जॉन एमॉस को 'आधुनिक शिक्षा विज्ञान का जन्मदाता' और 'विश्वविवेक का अग्रदूत' कहा जाता है।
- उनके जीवन का महत्वपूर्ण भाग जर्मनी, पोलैंड, हंगरी, स्वीडेन और हॉलैंड में व्यतीत हुआ था।
- कमेनियस जॉन ने 140 से भी अधिक ग्रंथ लिखे थे। उनके प्रमुख ग्रंथों में निम्नलिखित ग्रंथ सम्मिलित किये जाते हैं-
- 'द ग्रेट डाइडेक्टिक'
- 'लैबरिंथ ऑव द वर्ल्ड ऐंड द पैराडाइज़ ऑव द हार्ट'
- 'ए गाइड फ़ॉर इन्फ़ैंट स्कूल्स'
- 'ओरिबिस पिक्टस'
- 'आयनुआ लिगुआरमे रिसरेटा'
- कमेनियस शिक्षा को जीवन में पूर्णता प्राप्त करने का अनंत शक्तिशाली साधन मानते थे। वे बालक के व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा करने के पक्षपाती थे और उनका कहना था कि- "सफल शिक्षण का एकमात्र रहस्य प्राकृतिक नियमों का अनुपालन है"।
- 'प्राग' के 'कमेनियस संस्थान' में कमेनियस के विचारों पर अनुसंधान करने की विशेष सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
इन्हें भी देखें: अरस्तु एवं सी. वी. रामन
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ [कमेनियस जॉन एमॉस कमेनियस जॉन एमॉस] (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 मार्च, 2014।