किरीट शक्तिपीठ
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किरीट शक्तिपीठ
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वर्णन | पश्चिम बंगाल में स्थित 'किरीट शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। |
स्थान | बड़नगर, पश्चिम बंगाल |
देवी-देवता | सती 'विमला' अथवा 'भुवनेश्वरी' तथा शिव 'संवर्त'। |
संबंधित लेख | शक्तिपीठ, सती |
पौराणिक मान्यता | मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती के 'किरीट' अर्थात 'शिरोभूषण' या 'मुकुट' का पतन हुआ था। |
किरीट शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
- पश्चिम बंगाल में हावड़ा स्टेशन से 2.5 किलोमीटर आगे लालबाग़ कोट स्टेशन है, जो हावड़ा-वरहर लाइन पर है, जहाँ से 5 किलोमीटर दूर है-बड़नगर। वहीं हुगली (गंगा) तट पर स्थित है-किरीट शक्तिपीठ।
- इस स्थान पर सती के "किरीट (शिरोभूषण या मुकुट)" का निपात हुआ था।
- कुछ विद्वान मुकुट का निपात कानपुर के मुक्तेश्वरी मंदिर में मानते हैं।
- यहाँ की सती 'विमला' अथवा 'भुवनेश्वरी' हैं तथा शिव हैं 'संवर्त'।
- यह स्थान कोलकाता महानगर में ही है।
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