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अम्बाला
अम्बाला हरियाणा में स्थित एक शहर है। अम्बाला बहुत ख़ूबसूरत स्थान है। अम्बाला की स्थापना 14वीं शताब्दी में अम्बा राजपूतों ने की थी। अम्बाला के पास आमों की खेती की जाती है। इन इकाईयों में धातु तैयार करने वाली, रसोईघर में काम आने वाले उपकरण बनाने वाली और पानी के पम्प बनाने वाली इकाईयाँ प्रमुख हैं।
पर्यटन स्थल
अम्बाला के पास ही बराड़ा, नागल, मुलाणा, साहा और शहजादपुर आदि शहर भी हैं। पर्यटक चाहें तो इन शहरों में भी घूमने जा सकते हैं। इसके दक्षिण-पूर्व में यमुनानगर, दक्षिण में कुरुक्षेत्र और पश्चिम में पटियाला व रोपड़ स्थित हैं। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 900 फीट है। यह धार्मिक पर्यटन स्थलों से भरा पड़ा है।
अम्बाला अपने धार्मिक तीर्थस्थलों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इन स्थलों में मन्दिर, गुरूद्वारे, चर्च और दरगाह-मस्जिदें प्रमुख हैं।
- यहाँ पर पर्यटक हिन्दुओं की देवी भवानी का मन्दिर देख सकते हैं। इस मन्दिर का नाम भवानी अम्बा है।
- मन्दिर देखने के बाद पर्यटक गुरूद्वारे देख सकते हैं। बादशाही बाग गुरूद्वारा, शीशगंज गुरूद्वारा, मंजी साहिब गुरूद्वारा और संगत साहिब गुरूद्वारा यहाँ के प्रमुख गुरूद्वारे हैं। सिक्ख गुरूओं गुरु गोविंद सिंह, गुरु तेगबहादुर सिंह और गुरु हरगोविंद सिंह का भी इन गुरूद्वारों से संबंध रहा है।
- गुरूद्वारों के अलावा यहाँ का लखीशाह, तैक्वाल शाह और सेंट पॉल चर्च भी पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। चर्च के पास ही एक कब्रिस्तान भी है।
- यह सब देखने के बाद पर्यटक अम्बाला कैंट में स्थित पटेल पार्क और अम्बाला शहर का सिटी पार्क घूमने जा सकते हैं।
- इन बगीचों के पास बुरिया में रंगमहल भी है। यह महल बहुत ख़ूबसूरत है। इस महल की आर्क, स्तम्भ और नक्काशी पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। इसका निर्माण शाहजहाँ के शासनकाल में किया गया था।
भिवानी
भिवानी हरियाणा में स्थित बहुत ख़ूबसूरत स्थान है। भिवानी पर्यटकों को बहुत पसंद आता है।
इतिहास
भिवानी को प्राचीन नाम ऐन-ए-अकबरी था। भिवानी की खोज़ नीम नामक राजपूत ने की थी। उन्होंने भिवानी का नाम बदलकर भानी कर दिया। बाद में यह भानी से बदलकर भिवानी हो गया। वर्तमान में भिवानी की स्थापना 22 जुलाई 1972 ई. को की गई थी। इसके उत्तर में हिसार, पश्चिम में राजस्थान के झुझंनू और चूरू, दक्षिण में महेन्द्रगढ़ और पूर्व में रोहतक स्थित हैं।
यातायात और परिवहन
यह दिल्ली से 124 किलोमीटर और चण्डीगढ़ से 285 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
वीरों की धरती
भिवानी के निवासी अपनी वीरता के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए भिवानी को वीरों की धरती के नाम से भी जाना जाता है। देश को भिवानी ने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अनेक खिलाड़ी भी दिए हैं। भिवानी को विशेष तौर पर बॉक्सिंग का पावर हाऊस माना जाता है। भारतीय सेना में यहां के निवासी प्रमुख रूप से भर्ती होते हैं। इन सैनिकों ने अपने वीरतापूर्ण कार्यो से भिवानी को विशिष्ट पहचान दिलाई है। इसलिए भिवानी को वीरों का शहर भी कहा जाता है।
दादरी
इसका मुख्य शहर दादरी है। पृथ्वी राज चौहान के पुत्र ने दादरी की स्थापना की थी। यहां अनेक मन्दिर और तीर्थस्थान बने हुए हैं। इस कारण इसे छोटे काशी के नाम से भी जाना जाता है। इसका गौरी शंकर मन्दिर बहुत ख़ूबसूरत है। अपनी ख़ूबसूरती के लिए यह मन्दिर पूरे देश में जाना जाता है।
पर्यटन स्थल
पर्यटकों को भिवानी की संस्कृति बहुत पसंद आती है।
देवसार धाम
देवसार धाम देवसार गाँव में स्थित है और यह भिवानी से 6 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पर मां भवानी मन्दिर का निर्माण किया गया है। इस मन्दिर के दर्शन के लिए अनेक पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। इस मन्दिर का निर्माण पहाड़ी पर किया गया है। यह मन्दिर भिवानी शहर से भी दिखाई देता है। मन्दिर के पास हर वर्ष एन. सी. सी. का कैम्प भी लगाया जाता है। इन कैम्प में स्कूलों-कॉलेजों के अनेक छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं।
लोहार पीर
लोहार सिंह महान योद्धा थे। लोहार पीर का निर्माण उनकी स्मृति में किया गया है। यह बहुत ख़ूबसूरत है और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। ====शिव मन्दिर==== हीरापुरी मन्दिर भी भिवानी के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से है। यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मन्दिर में प्रतिदिन अनेक श्रद्धालु पूजा करने के लिए आते हैं।
नौरंगाबाद
नौरंगाबाद में एक टीला है। इसका नाम भी नौरंगाबाद है। यह भिवानी से 10 किमी. की दूरी पर है। इसका क्षेत्रफल 58 एकड़ है। यह टीला ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ पर हाल ही में खुदाई की गई थी। इस खुदाई में कुषाण और गुप्त काल के सिक्के और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएँ मिली हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन सभी वस्तुओं को झझर के गुरूकुल संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है।