उद्दालक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Ashwani Bhatia (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:22, 26 मार्च 2010 का अवतरण (1 अवतरण)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

उद्दालक / Uddalak

  • महर्षि आयोदधौम्य के तीन शिष्य थे-
  1. उपमन्यु,
  2. आरूणि पांचाल तथा
  3. वेद।

एक बार उन्होंने आरूणि को टूटी हुई क्यारी का पानी रोकने की आज्ञा दी। अनेक यत्न करके असफल रहने पर वह उसकी मेड़ के स्थान पर लेट गया ताकि पानी रूक जाये। थोड़ी देर बाद उपाध्याय ने उसे न पाकर आवाज दी। वह तुरंत उठकर गुरु के पास पहुँचा। उसके उठने से क्यारी की मेड़ विदीर्ण हो गयी थी; अत: गुरु ने उसका नाम उद्दालक रख दिया। आज्ञा के पालन से प्रसन्न होकर गुरु ने उसके कल्याण का आशीर्वाद दिया तथा उसकी बुद्धि को धर्मशास्त्र से प्रकाशित होने का वर दिया। [1]

टीका-टिप्पणी

  1. महाभारत, आदिपर्व, अध्याय 3, श्लोक 21-32