लाट

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लाट दक्षिणी गुजरात का प्राचीन नाम था, जिसका गुप्त अभिलेखों में उल्लेख है।[1]

'लाटविषयान्नगावृतशैलाज्जगति प्रथितशिल्पाः।'

  • इस अभिलेख में लाट को 'कुसुमभरानततरुवरदेवकुलसभाबिहाररमणीय' देश कहा गया है।
  • बाण ने प्रभाकरवर्धन को 'लाटपाटवपाटच्चर'[2] कहकर उसकी लाट विजय का निर्देश किया है।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 816 |
  2. लाट देश के कौशल को चुरा लेने वाला
  3. हर्षचरित, उच्छ्वास-4

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