वयोश्रेष्ठ सम्मान
वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रत्येक वर्ष भारत में सुप्रसिद्ध वरिष्ठ नागरिकों, विशेष तौर पर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तम सेवा करने के लिए प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सरोकार और उनका समाज में विधि सम्मत स्थान सशक्त करने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। वर्ष 2013 से 13 विभिन्न श्रेणियों में वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किये जाते हैं।
स्थापना
"वयोश्रेष्ठ सम्मान" की स्थापना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2005 में की थी और इसे वर्ष 2013 में राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रेणी में रखा गया। ये सम्मान वरिष्ठ नागरिकों विशेष तौर पर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों की नि:स्वार्थ सराहनीय सेवा करने वाले संस्थानों और सुप्रसिद्ध वरिष्ठ नागरिकों को उनकी उत्तम सेवाओं और उपलब्धियों के सम्मान स्वरूप प्रदान किया जाता है।[1]
वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा द्वारा 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाये जाने संबंधी प्रस्ताव को पारित करने के बाद हर वर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2005 से हर वर्ष इस दिन सुप्रसिद्ध वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों को वरिष्ठ नागरिकों विशेष तौर पर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों की उत्कृष्ठ सेवा प्रदान करने के सम्मान स्वरूप वयोश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2013 से 13 विभिन्न श्रेणियों में वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किये जाते हैं।
उद्देश्य
ये पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सरोकार और उनका समाज में विधि सम्मत स्थान सशक्त करने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही यह युवा पीढ़ी को वरिष्ठ नागरिकों के समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान को समझने का एक अवसर भी प्रदान करता है। वयोश्रेष्ठ पुरस्कारों के लिए समाज के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों का चयन किया जाता है। पुरस्कार देशभर के किसी भी संस्था/संगठन या व्यक्ति को प्रदान किया जा सकता है और इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं से नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वयोश्रेष्ठ सम्मान (हिन्दी) खबर जंक्शन। अभिगमन तिथि: 18 अक्टूबर, 2016।
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