प्रकाश सिंह बादल
प्रकाश सिंह बादल
| |
जन्म | 8 दिसंबर, 1927 |
जन्म भूमि | अबुल खुराना गांव (वर्तमान पाकिस्तान) |
पति/पत्नी | सुरिंदर कौर |
संतान | एक पुत्री, पुत्र- सुखबीर सिंह बादल |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनेता |
पार्टी | शिरोमणी अकाली दल |
पद | मुख्यमंत्री |
कार्य काल | 1 मार्च, 2007 – 11 मार्च, 2017 |
विद्यालय | क्रिश्चिन कॉलेज, लाहौर |
जेल यात्रा | प्रकाश सिंह बादल पंजाबियों की रक्षा और उनके हितों के लिए आवाज़ उठाने के चलते अपने जीवन के लगभग सत्रह वर्ष जेल में बिता चुके हैं। |
अन्य जानकारी | प्रकाश सिंह बादल ने वर्ष 1969-1970 तक सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेरी आदि से संबंधित मंत्रालयों में कार्यकारी मंत्री के रूप में कार्य किया था। |
अद्यतन | 18:18, 7 अप्रॅल 2017 (IST)
|
प्रकाश सिंह बादल (अंग्रेज़ी: Parkash Singh Badal, जन्म- 8 दिसंबर, 1927) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वह लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बने थे। प्रकाश सिंह बादल पंजाब, पंजाबियत और पंजाबियों की रक्षा और उनके हितों के लिए आवाज उठाने के चलते अपने जीवन के लगभग सत्रह वर्ष जेल में बिता चुके हैं।[1]
जीवन परिचय
पंजाब के अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर, 1927 ई. को अबुल खुराना नामक गांव (अब पाकिस्तान) के जाट सिक्ख परिवार में हुआ था। लाहौर के क्रिश्चिन कॉलेज में उन्होंने शिक्षा पाई। 1947 में प्रकाश सिंह बादल शिरोमणि अकाली दल के सदस्य बने। प्रकाश सिंह बादल की पत्नी जिनका नाम सुरिंदर कौर था उनका देहांत हो चुका है। प्रकाश सिंह बादल की एक बेटी और एक बेटा-सुखबीर सिंह बादल पंजाब के फाज़िल्का निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं तथा पंजाब के उप-मुख्यमंत्री हैं। प्रकाश सिंह बादल की बेटी का विवाह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों के बेटे से संपन्न हुआ है। यहीं से उनका राजनैतिक जीवन आरंभ हुआ था।[1]
राजनीतिक जीवन
प्रकाश सिंह बादल कई दशकों से राजनीति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्हें पंजाब की राजनीति के बेहद सम्माननीय वरिष्ठ व्यक्ति का दर्जा दिया जाता है। प्रकाश सिंह बादल एक कुशल राजनीतिज्ञ और अपने धर्म के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। 1961 में प्रकाश सिंह बादल को मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया था। 1957 और 1969 में वे कांग्रेस के टिकिट पर विधायक चुने गए थे। प्रकाश सिंह बादल 1970–1971, में मुख्यमंत्री बने थे। परंतु आरोप-प्रत्यारोपों के बीच उन्हें मुख्यमंत्री पद त्यागना पड़ा और वे लोकसभा के लिए निर्वाचित होकर केन्द्र में कृषि और सिंचाई मंत्री बने। 1977 में बादल को फिर पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। 1977–1980, 1997–2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री और 1972, 1980 और 2002 में नेता विपक्ष रह चुके हैं। प्रकाश सिंह बादल ने अकाली आंदोलन में भाग लिया था। परंतु 2003 में वे सत्ता से बाहर रहे थे और कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने उनके काल के तथाकथित भ्रष्टाचारों को प्रचारित किया है। लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी पर पूरा प्रभाव रहने के कारण प्रकाश सिंह बादल का राजनैतिक महत्त्व कम नहीं हुआ है। मोरारजी देसाई के शासन काल में वह सांसद भी बने थे। प्रकाश सिंह बादल को केन्द्रीय मंत्री के तौर पर कृषि और सिंचाई मंत्रालय का उत्तरदायित्व सौंपा गया था। प्रकाश सिंह बादल पंजाब के आठवें मुख्यमंत्री हैं। इनका कार्यकाल 1 मार्च, 2007 से 1 मार्च, 2017 तक रहा था।[1]
समाजसेवा
प्रकाश सिंह बादल ने वर्ष 1969-1970 तक सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेरी आदि से संबंधित मंत्रालयों में कार्यकारी मंत्री के रूप में कार्य किया था। इसके अलावा प्रकाश सिंह बादल पंजाब के प्रतिष्ठित सिख धर्म पर आधारित राजनैतिक दल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष भी हैं। प्रकाश सिंह बादल पंजाब, पंजाबियत और पंजाबियों की रक्षा और उनके हितों के लिए आवाज उठाने के चलते अपने जीवन के लगभग सत्रह वर्ष जेल में बिता चुके हैं। वे सबका सहयोग लेने में बड़े कुशल हैं। प्रकाश सिंह बादल भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाते रहे हैं।
|
|
|
|
|