राष्ट्रमंडल खेल 2010

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प्रतीक चिन्ह, दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010
  • 3 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2010 को होने वाले 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी दिल्ली को सौंपी गई है। विभिन्न खेलों के लिए आयोजित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है।
  • भारत पूरे तीन दशकों बाद ऐसे किसी आयोजन का मेजबान बनने जा रहा है। इससे पहले भारत 1982 में एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका है। खेलों का शुभारंभ दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम से किया जाएगा।

क्वींस बैटन रिले

राष्ट्रमंडल खेलों की क्वींस बैटन आधुनिक तकनीक और खूबसूरती का अनुठा समागम है, जिसके भीतर लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम और खेलों की वेबसाइट को तस्वीरें भेजने में सक्षम कैमरा भी लगा हुआ है। एल्युमीनियम और सोने से बनी बैटन पर बनी 18 कैरेट सोने की पत्ती में महारानी एलिजावेथ का संदेश उकेरा हुआ है। यह प्राचीन भारतीय ताम्रपत्र का द्योतक है, जिसमें लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

  • फोले डिजाइन के माइकल फोले के साथ टाइटन इंडस्ट्रीज और भारत इलेक्ट्रानिक्स ने मिलकर बैटन को तैयार किया है।
  • इसमें दुनिया भर से खेल प्रेमियों के एसएमएस रिसीव करने वाली प्रणाली भी है।

क्वींस बैटन यात्रा

क्वींस बैटन रिले दिल्ली 2010 की शुरुआत 29 अक्टूबर 2009 में लंदन में हुई थी, जब भारत के ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा को यह बैटन दी गई थी। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत 3 अक्टूबर, 2010 से होगी। इस दौरान बैटन, दुनिया के एक तिहाई देशों से होते हुए 190,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगा। बैटन का यह सफर परिवहन के हर संभव माध्यम जैसे हवा, पानी और जमीन के रास्ते से होते हुए हजारों हाथों से गुजरेगा। यह मैराथन 240 दिनों में 70 देशों से होते हुए भारत पहुंचेगा और यहां पर यह पूरे 100 दिनों तक देश के सभी राज्यों की राजधानी तथा केंद्र शासित राज्यों से होते हुए अंततः आयोजन स्थल दिल्ली पहुंचेगा। क्वींस बैटन 2010 दिल्ली को भारतीयता के भाव, सद्भाव, विकास तथा विविधता के रंग में रंगा गया है। इसे हस्तशिल्प तथा उन्नत किस्म की इंजीनियरिंग व तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है। यह बैटन एल्यूमीनियम से त्रिकोणकार बनाई गई है। इसे हेलिक्स के रूप में ऊपर से मोड़ा गया है। इस पर भारत के सभी कोनों में मिलने वाली मिट्टी के रंग का लेपन भी किया गया है। [1]

शुभंकर तथा प्रतीक चिन्ह

शुभंकर "शेरा", राष्ट्रमंडल खेल 2010

दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 के लिए "शेरा" को शुभंकर बनाया गया है, जो भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है। शेरा को सबसे पहले मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दिखाया गया था, जो महिमा, साहस तथा अनुग्रह शक्ति का प्रतीक है। नारंगी तथा काले रंग की पट्टियों वाला यह बाघ भारत के भाव को प्रदर्शित करता है और खिलाडियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल का प्रतीक चिन्ह चक्र से प्रेरित है, जो देश की आज़ादी को प्रदर्शित करता है। ऊपर की ओर जाती इंद्रधनुषी रंगों वाली पट्टियां मानव अंगुलियों की प्रतीक हैं, जो सभी भारतवासियों को एकसाथ आकर देश को गौरवान्वित करने तथा जीवंत राष्ट्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है। प्रतीक चिन्ह की टैगलाइन 'कम आउट एंड प्ले' है, जिसका अर्थ है "आइए साथ मिलकर खेलें"। यह देश के सभी नागरिकों के लिए आमंत्रण है कि वो साथ आएं और देश के लिए खेलें और अपना बेहतरीन प्रदर्शन दें, जिससे देश का सिर गर्व से ऊंचा हो सके। यह दिल्ली के लोगों के लिए भी एक संदेश है कि वो राष्ट्रमंडल खेल 2010 के दौरान मेजबानी के नए प्रतिमान स्थापित करें।[1]

19वाँ आयोजन

भारत को मुश्किलों से इन खेलों की मेजबानी मिली। यदि आयोजन सफल रहता है, तो ओलम्पिक और एशियन गेम्स का दावा भी मजबूत होगा। क्वींस बैटन के दिल्ली में पहुँचने के साथ ही आयोजन समिति के हौसले बुलन्द हुए हैं। दिल्ली में 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में लगभग 71 टीमों के भाग लेने की संभावना है। इन राष्ट्रों में राष्ट्रमंडल के 53 सदस्यों के साथ ब्रिटेन, ब्रिटिश क्राउन डिपेंडेंसीज और ब्रिटेन विदेशी क्षेत्रों के घटक देशों के लिए अलग अलग टीमें शामिल हैं। 1966 में जमैका और 1998 में मलेशिया के बाद भारत तीसरा विकासशील देश है जो इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है। राष्ट्रमंडल खेल भारत के युवा खिलाडि़यों को अन्य राष्ट्रमंडल देशों के खिलाडि़यों के साथ मिलने जुलने, एक ही वातावरण में रहने, एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने और बेहतर खेलों के लिए उत्कृष्टता प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। हमारे विशाल देश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और आशा है कि 2010 राष्ट्रमंडल खेल हमारे राष्ट्रीय को ध्वज को और ऊंचा करेगा और दुनिया में देश का नाम रौशन होगा।

17 स्पर्धाएँ

19वें राष्ट्रमंडल खेलों में लॉन टेनिस को पहली बार शामिल किया गया है। हॉकी भी मुख्य स्पर्धा के तौर पर होगी, जिसे 1998 के कुआलालंपुर में अस्थायी रूप से शामिल किया गया था। दिल्ली में होने वाले खेलों में महिला और पुरुष दोनों स्पर्धाएँ होंगी। रग्बी सेवन और लॉन बॉल भारतीय के लिए ख़ास आकर्षण होंगी। खेलों की सूची में 17 खेल शामिल हैं, जो इस प्रकार है-[1]

  1. तीरंदाजी,
  2. एक्वेटिक्स,
  3. एथलेटिक्स,
  4. बैडमिंटन,
  5. बॉक्सिंग,
  6. साइकिलिंग,
  7. जिमनास्टिक,
  8. हॉकी,
  9. लॉन बाउल,
  10. नेटबॉल,
  11. रग्बी सेवेन,
  12. शूटिंग,
  13. स्क्वॉश,
  14. टेबल टेनिस,
  15. टेनिस,
  16. भारोत्तोलन और
  17. कुश्ती
  • विशिष्ट विकलांग एथलिटों के लिए 4 खेलों में 15 स्पर्धाएं आयोजित होंगी। इनमें एथलेटिक्स, तैराकी, पॉवरलिफ्टिंग और टेबल टेनिस है।

देशों की संख्या

1930 के पहले राष्ट्रमंडल खेलों में सिर्फ़ 11 देशों के 400 एथलीटों ने ही हिस्सा लिया था। लेकिन 2010 तक देशों की संख्या बढ़कर 72 हो चुकी है। भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या भी क़रीब साढ़े सात हज़ार तक पहुँच चुकी है। आस्ट्रेलिया, कनाडा और इंग्लैण्ड इन खेलों के पावरहाउस हैं। हालाँकि शुरुआती दो संस्करणों में आस्ट्रेलिया का प्रदर्शन ख़ास अच्छा नहीं रहा, लेकिन 1938 के बाद से कंगारू टीम कभी भी शीर्ष तीन की सूची से बाहर नहीं रही। आस्ट्रेलिया ने अब तक सबसे ज़्यादा 11 बार अंकतालिका में अव्वल स्थान हासिल किया है। मेजबान भारत इस बार सबसे बड़ा दल उतारेगा।

आयोजन स्थल

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम
मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम
सिरी फोर्ट स्पोटर्स कांप्लेक्स
आर के खन्ना स्टेडियम
श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम
तालकटोरा स्टेडियम
त्यागराज स्टेडियम
यमुना स्पोटर्स कांप्लेक्स
कर्णी सिंह शूटिंग रेंज

राष्ट्रमंडल खेल जहाँ होने हैं, वे आयोजन स्थल हैं–जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम, सिरी फोर्ट कांप्लेक्स, कणी सिंह शूटिंग रेंज, तालकटोरा स्टेडियम, त्यागराज स्टेडियम, यमुना स्पोटर्स कांप्लेक्स, आरके खन्ना स्टेडियम और दिल्ली विश्वविद्यालय। इनमें मुख्य आठ स्टेडियम हैं। गेम्स के आयोजन के लिए कुछ पुराने स्टेडियमों का जीर्णोद्वार किया गया है तो कुछ को नए सिरे से बनाया गया है। खेलों का उदघाटन 3 अक्टूबर और समापन 14 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होगा।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम

1980 में निर्मित यह स्टेडियम देश के सबसे पुराने स्टेडियमों में शुमार है। वैसे दर्शकों की क्षमता 78 हज़ार है, लेकिन उदघाटन और समापन समारोह के दौरान तकरीबन 1.30 लाख दर्शक इसका आनन्द उठाएंगे। खेलगाँव से 12 किलोमीटर दूर है।

मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम

मेजर ध्यानचन्द के नाम पर बने इस स्टेडियम का नाम पहले नेशनल स्टेडियम था। यह एशियाई खेलों का गवाह भी है। इसे मुख्य रूप से हॉकी को समर्पित कर दिया गया है। यहाँ पर तीन सिथेंटिक पिच बनाए गए हैं। दो कॉम्पिटिशन पिच, एक वॉर्मअप पिच। खेलगाँव से 10 किलोमीटर दूर।

सिरी फोर्ट स्पोटर्स कांप्लेक्स
डीडीए स्वामित्व वाली इस स्टेडियम में बैडमिंटन और स्क्वैश की प्रतिस्पर्द्धाएँ आयोजित की जाएँगी। बैडमिंटन मैच के लिए जहाँ पाँच कोर्ट बनाए गए हैं वहीं स्क्वैश के लिए 11 कोर्ट बनाए गए हैं। खेलगाँव से 17 किलोमीटर दूर।

आर के खन्ना स्टेडियम

पुराने टेनिस स्टेडियमों में शुमार यह स्टेडियम अपनी विशेष स्थापत्य के लिए विख्यात है। यहाँ टेनिस के सभी मैच आयोजित किए जाएँगे। लिएंडर पेस और महेश भूपति के एक साथ खेलने के फ़ैसले से गोल्ड मिलने की सम्भावना बढ़ गई है। एक सेंट्रल कोर्ट के साथ छह कॉम्पिटिशन कोर्ट और छह वॉर्मअप कोर्ट हैं। खेलगाँव से 22 किलोमीटर दूर।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम

इसे मुख्य रूप से दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए ही बनाया गया है। स्पोटर्स अथॉरितटी ऑफ़ इंडिया (साई) के स्वामित्व वाली इस स्वीमिंग कांप्लेक्स में स्वीमिंग की सारी प्रतिस्पर्द्धाएँ आयोजित की जाएँगी। यहाँ एक 8 लेन वाला बड़ा कॉम्पिटिशन पूल तैयार। एक डायविंग पूल के साथ छह लेन वाला एक वॉर्म अप पूल भी है। यह खेलगाँव से 12 किलोमीटर दूर और इसकी दर्शक क्षमता लगभग 6 हजार है।

तालकटोरा स्टेडियम

इस स्टेडियम में मुक्केबाज़ी की प्रतिस्पर्द्धाएँ आयोजित की जाएँगी। लगभग तीन हज़ार की क्षमता वाली इस स्टेडियम में भारतीय मुक्केबाज़ी के हालिया शानदार प्रदर्शन को देखते हुए कई पदक मिलने की सम्भावना है। एक कॉम्पिटिशन रिंग के अलावा चार वॉर्मअप रिंग हैं। यह खेलगाँव से 11 किलोमीटर दूर है।

त्यागराज स्टेडियम

300 करोड़ की लागत से निर्मित इस स्टेडियम में नेटबाल के मैच आयोजित किए जाएँगे। आधुनिक तकनीक से निर्मित इस स्टेडियम की ख़ासियत इसकी सोलर लाईटिंग है। स्टेडियम की बिजली आपूर्ति लगभग इसी से पूरी हो जाती है।

यमुना स्पोटर्स कांप्लेक्स

यहाँ पर तीरंदाज़ी और टेबल टेनिस के मुक़ाबले आयोजित किए जाएँगे। गेम्स के दौरान यहाँ आठ मैच टेबल जबकि 10 अभ्यास टेबल बनाए गए हैं। स्टेडियम की दर्शक क्षमता लगभग पाँच हज़ार है। खेलगाँव से यमुना स्पोर्ट्स क्लब की दूरी 10 किलोमीटर है।

कर्णी सिंह शूटिंग रेंज

यह स्टेडियम भी पुराने स्टेडियमों में शुमार है। एशियन गेम्स के दौरान बने स्टेडियम में शूटिंग की प्रतिस्पर्द्धाएँ आयोजित की जाएँगी। स्टेडियम की शूटिंग रेंज को 10 मीटर, 25 मीटर, 50 मीटर, फ़ाइनल, ट्रैप और स्कीट रेंज में बाँटा गया है। खेलगाँव से 21 किलोमीटर दूर।

दिल्ली विश्वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर के विभिन्न कॉलेजों में रग्वी सेवंस के अभ्यास मैच आयोजित किए जाएँगे। इस प्रतिस्पर्द्धा में केवल पुरुष टीम ही भाग लेगी और प्रतिस्पर्द्धा 11 अक्टूबर और 12 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्‍स कॉम्प्लेक्स, खेलगाँव से 16 किलोमीटर दूर है।

खेलों का कार्यक्रम

खेलों का शुभारंभ 3 अक्टूबर, 2010 को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में किया जाएगा। यहीं 14 अक्टूबर को समापन होगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली राष्‍ट्रमंडल खेलों में कुल 17 तरह की प्रतियोगिता के लिए 11 स्टेडियम तय किए गए हैं। [2]

19वें राष्ट्रमंडल खेलों का कार्यक्रम
मुकाबले दिनांक स्टेडियम
एथले‍टिक्स 6-12 व 14 अक्टूबर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम
लेनबाल्स 4-13 अक्टूबर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम
वेटलिफ्टिंग 4-12 अक्टूबर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम
जिमनास्टिक्स 4-8 अक्टूबर और 12-14 अक्टूबर। इंदिरा गाँधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
रेसलिंग 5-10 अक्टूबर इंदिरा गाँधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
साइकिलिंग 5-8,10,13 अक्टूबर इंदिरा गाँधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
स्विमिंग मुकाबला 4-9 अक्टूबर श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम
डायविंग मुकाबला 10-13 अक्टूबर श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम
सिकनाइज स्विमिंग 6-7 अक्टूबर श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम
बॉक्सिंग मुकाबला 5-11, 13 अक्टूबर तालकटोरा स्टेडियम
हॉकी 4-14 अक्टूबर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम
बैडमिंटन 4-14 अक्टूबर सिरी फोर्ट स्पोटर्स कांप्लेक्स
स्क्वॉश 4-13 अक्टूबर सिरी फोर्ट स्पोटर्स कांप्लेक्स
शूटिंग 5-13, 6-13 व 9-13 अक्टूबर कर्णी सिंह शूटिंग रैंज
नेट बाल 4-12 अक्टूबर त्यागराज स्पोर्ट्‍स कॉम्प्लेक्स
टेनिस 4-10 अक्टूबर आर के खन्ना टेनिस कॉम्प्लेक्स
टेबल टेनिस 4-14 अक्टूबर, यमुना स्पोर्ट्‍स कॉम्प्लेक्स
आर्चरी मुकाबला 4-10 अक्टूबर यमुना स्पोर्ट्‍स कॉम्प्लेक्स
रग्बी सेवन्स खेल 11-12 अक्टूबर दिल्ली यूनिवर्सिटी

प्रसारण

राष्ट्रमंडल खेलों की कवरेज भले ही विदेशी कम्पनी कर रही हो, लेकिन देश के खेल प्रेमियों को खेलों का सीधा प्रसारण हिन्दी के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी सुनने को मिल सकेगा। 19वें राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अब तक की सर्वश्रेष्ठ कवरेज का वादा करते हुए आयोजन समिति ने कहा कि उन्होंने छह महाद्वीपों के 13 देशों के अधिकार हासिल करने वाले प्रसारणकर्ताओं के साथ करार को अंतिम रूप दे दिया है। आयोजन समिति ने बताया कि प्रसारण साझीदार प्रसार भारती ने प्रोडक्शन और कवरेज के लिए ब्रिटेन की सेटेलाइट इंफोर्मेशन सर्विसेज के साथ करार किया है। समिति ने साथ ही बताया कि खेलों के इतिहास के पहली बार सभी 17 खेल स्पर्धाओं और उद्घाटन तथा समापन समारोह को हाई डेफिनेशन डिजिटल प्रारूप में कवर किया जाएगा।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 आधिकारिक वेबसाइट (हिन्दी) (पीएचपी)। । अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2010। सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "gov" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "gov" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  2. समय लाइव (हिन्दी) (एचटीएमएल)। । अभिगमन तिथि: 3 अक्टूबर, 2010।
  3. वेब दुनिया (हिन्दी) (एचटीएमएल)। । अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2010।

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