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भारत में, ताज महल के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में अगर कोई दूसरा नाम आता है तो वह है, खजुराहो। खजुराहो,भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है। खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त, छतरपुर ज़िले में स्थित एक छोटा सा शहर है।


खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त, छतरपुर ज़िले में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। खजुराहो प्यार का प्रतीक भी कहा जाता है। खजुराहो के सौन्दर्य का ही जादू है कि लोग यहाँ विदेशों से भी आते हैं और शुरु से ही यहाँ विदेशी लोगों का जत्था लगा रहता है। हिंदू कला और संस्कृति को शिल्पियों ने जैसे मंदिरों के पत्थरों पर उकेर दिया था। खजुराहो में 1000 साल से भी अधिक पुराने मंदिर हैं।[1]

परिचय

खजुराहो चंदेल शासकों के प्राधिकार का प्रमुख स्‍थान था जिन्‍होंने यहाँ अनेकों तालाबों, शिल्‍पकला की भव्‍यता और वास्‍तुकलात्‍मक सुंदरता से सजे विशालकाय मंदिर बनवाए। यशोवर्मन[2] ने विष्‍णु का मंदिर बनवाया जो अब लक्ष्‍मण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और यह चंदेल राजाओं की प्रतिष्‍ठा का दावा करने वाले इसके समय के एक उदाहरण के रूप में स्थित है।

खजुराहो मन्दिर, मध्य प्रदेश
Khajuraho Temple, Madhya Pradesh

विश्‍वनाथ, पार्श्‍व नाथ और वैद्य नाथ के मंदिर राजा डांगा के समय से हैं जो यशोवर्मन के उत्तरवर्ती थे। खजुराहो का सबसे बड़ा और महान मंदिर अनश्‍वर कंदारिया महादेव का है जिसे राजा गंडा[3] ने बनवाया है। इसके अलावा कुछ अन्‍य उदाहरण हैं जैसे कि वामन, आदि नाथ, जवारी, चतुर्भुज और दुल्‍हादेव कुछ छोटे किन्‍तु विस्‍तृत रूप से संकल्पित मंदिर हैं। खजुराहो का मंदिर समूह अपनी भव्‍य छतों (जगती) और कार्यात्‍मक रूप से प्रभावी योजनाओं के लिए भी उल्‍लेखनीय है। यहाँ की शिल्‍पकलाओं में धार्मिक छवियों के अलावा परिवार, पार्श्‍व, अवराणा देवता, दिकपाल और अप्‍सराएँ तथा सूर सुंदरियाँ भी हैं। यहाँ वेशभूषा और आभूषण भव्‍यता मनमोहक हैं।[4]

  1. खजुराहो जहाँ पत्थर भी बोलते हैं (हिन्दी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 14 अक्तूबर, 2010
  2. (एडी 954)
  3. (एडी 1017-29)
  4. खजुराहो (हिन्दी) भारत की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 13 अक्तूबर, 2010