पुणे
स्थापना
पुणे भूतपूर्व पूना शहर, महाराष्ट्र राज्य, दक्षिण पश्चिम भारत, मूला और मूथा नदियों के संगम स्थल पर स्थित है। ‘दक्कन की रानी’ के नाम से विख्यात पुणे मराठियों की सांस्कृतिक राजधानी है। 17वीं शताब्दी में मराठा राज्य की राजधानी के रूप में पहली बार इस नगर को महत्व प्राप्त हुआ था। कुछ समय तक इस पर मुग़लों का क़ब्ज़ा रहा, लेकिन बाद में 1714 से यह पुनः मराठा राज्य की राजधानी बन गया, अंततः 1817 में यह अंग्रेज़ों के अधिकार में चला गया। इसने बंबई प्रेज़िडेंसी की मौसमी राजधानी की भूमिका निभाई और आज़ादी के बाद यह विकासशील देश बन गया, जो हर दिशा में फैल रहा था। विशेष रूप से इसका विस्तार पुणे-मुंबई रेल और सड़क मार्गों के समानांतर हुआ, जो पिंपरी और चिंचवड से गुज़रते हैं।
भारत के महाराष्ट्र राज्य का पुणे एक महत्त्वपूर्ण शहर है। पुणे महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मुठा इन दो नदियों के किनारे बसा है, और जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। भारत का पुणे सातवाँ सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। पुणे सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रेसर है। इस शहर मे अनेक नामांकित शिक्षण संस्था होने के कारण इसे 'पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड' भी कहा जाता है।
इतिहास
प्राचीन नाम
पुणे नाम 'पुण्यनगरी' नाम से आया है। यह शहर आठवी शताब्दी मे 'पुन्नक' (या 'पुण्यक') नाम से जाना जाता था, ऐसा संदर्भ मिलता है। कुछ समय बाद यह 'कसबे पुणे' या 'पुनवडी' नाम से जाना जाने लगा। मराठा साम्राज्य के काल खंड मे शहर का नाम 'पुणे' मे रूप मे उपयोग मे लाया जाने लगा। ब्रिटिश ने उसे 'पूना' कह कर संबोधित करने की शुरुआत की। अब यह आधिकारिक नाम पुणे से जाना जाता है।
पुणे शिवाजी महाराज के जीवन व मराठा साम्राज्य के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस प्रकार मराठों और अंग्रेज़ों, दोनों को अपनी-अपनी शक्ति और कमज़ोरी का पता चल गया और अगले बीस वर्षों तक उनके बीच शांति रही। मराठा सरदारों में आपसी दुश्मनी और प्रतिद्वन्द्विता चलती रही और 25 अक्टूबर 1802 ई. को तत्कालीन पेशवा बाजीराव द्वितीय को अपने चंगुल में करने के लिए शिन्दे और होल्कर में पूना के बाहर युद्ध हुआ। बाजीराव द्वितीय कायर और षड़यंत्रकारी था और उसे राज्य के हित की कोई चिन्ता नहीं थी। जिस समय पूना का युद्ध चल ही रहा था, वह प्रतिद्वन्द्वी मराठा सरदारों के चंगुल से अपने को बचाने के लिए पूना से भागकर बसई अंग्रेज़ों की शरण में चला गया। वहाँ उसने 31 दिसम्बर 1802 ई. को बसई की लज्जाजनक संधि कर ली, जिसके द्वारा उसने पेशवा पद फिर से प्राप्त करने का मनोरथ बनाया था। इस प्रकार बाजीराव द्वितीय ने मराठा राज्य की स्वतंत्रता बेच दी और वह अंग्रेज़ों के द्वारा पुनः पूना की गद्दी पर आसीन कर दिया गया। परन्तु मराठा सरदारों, विशेष रूप से शिन्दे, भोंसले और होल्कर ने इस व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया और फलस्वरूप दूसरा मराठा-युद्ध (1803-05 ई.) छिड़ गया।
यह शहर 17वीं शताब्दी मे निज़ामशाही, आदिलशाही, मुग़ल ऐसे विभिन्न राजवंशो का अंग रहा है। 17वीं शताब्दी मे शहाजीराजे भोंसले को निज़ामशाहा ने पुणे की जमींदारी दी थी। उनकी पत्नी जीजाबाई ने इस जमींदारी मे 1627 मे शिवनेरी क़िले पर शिवाजी राजे भोंसले को जन्म दिया। शिवाजी महाराज ने अपने साथियों के साथ पुणे परिसर मे मराठा साम्राज्य की स्थापना की। इस काल मे पुणे मे शिवाजी महाराज का वर्चस्व था। पेशवा के काल मे 1749 सातारा को छत्रपति की गद्दी और राजधानी बना कर पुणे को मराठा साम्राज्य की 'प्रशासकीय राजधानी' बना दिया गया। पुणे की पेशवा के काल मे काफ़ी तरक्की हुई। 1818 तक पुणे मे मराठों का राज्य था।
मराठा साम्राज्य
शिवाजी महाराज के जीवन व मराठा साम्राज्य के इतिहास का पुणे एक महत्वपूर्ण अंग है। जीजाबाई व शिवाजी महाराज जब 1635 से 1636 के दरमयान पुणे आवास के लिए आए, तब से पुणे के इतिहास मे एक नए पर्व का जन्म हुआ। शिवाजी महाराज व जीजामाता पुणे मे लाल महल मे रहते थे। पुणे के ग्रामदेवता- कसबा गणपती की स्थापना जीजाबाई ने की थी।
स्वतंत्रता संग्राम
पुणे के नेताओं और समाज सुधारको ने भारतीय स्वातंत्रा संग्राम मे महत्वपूर्ण योगदान दिया। लोकमान्य तिलक और सावरकर जैसे नेताओं के कारण पुणे राष्ट्र के नक़्शे पर अपने महत्व को दर्शाता रहा। महादेव गोविंद रानडे, विठ्ठल रामजी शिंदे, गोपाल कृष्ण गोखले जैसे समाजसुधारक व राष्ट्रीय ख्याती के नेता पुणे से थे।
भूगोल
पुणे का मध्यबिंदु पुणे जी.पी.ओ पोस्ट ऑफिस के बाहर है। जी.पी.ओ. पुणे सह्याद्री पर्वत के पूर्व, और समुद्रतल से 560 मीटर (1,837 फुट) की ऊचाँई पर है। भीमा नजदीकी उपनदियाँ मुला व मुठा के संगम पर यह शहर बसा है। पवना व इंद्रायणी ये नदियाँ पुणे शहर के उत्तर-पश्चिम दिशा मे बहती है। शहर का सर्वोच्च बिंदु वेताल टेकडी (समुद्रतल से 800 मीटर) है, और शहर के पास का सिंहगड़ क़िले की ऊचाँई 1300 मीटर है। पुणे शहर कोयना भूकंप क्षेत्र मे आता है जो पुणे शहर से 100 किलोमीटर दक्षिण दिशा में है। पुणे में मध्यम व छोटे भूकंप आए है।
जलवायु
पुणे शहर मे तीन ऋतु गर्मी, वर्षा व शीत होती हैं। पुणे शहर के मार्च से मई तक के सबसे गर्म महीने हैं। पुणे में मई के महीने में बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। अरब सागर से जून के महीने मे मानसून की हवाएँ शुरू हो जाती हैं। पुणे में जुलाई के महीने में सबसे ज़्यादा बारिश होती है। पुणे में बारिश मे तापमान 20° से 28° सेल्सियस होता है।
पुणे में मानसून के बाद अक्तूबर के महीने मे दिन के समय तापमान बढ़ता है मगर रात के समय ठंड होती है। यहाँ नवंबर से फ़रवरी तक के महीनों मे सर्दी रह्ती है। सर्दी का समय पुणे में भेट करने के लिए सर्वोत्तम समय है। इस समय दिन का तापमान 29° सेल्सियस और रात का तापमान 10° सेल्सियस नीचे होता है। पुणे में तापमान दिसंबर व जनवरी महीनों में 5° से 6° सेल्सियस तक नीचे जाता है।
प्रजातियाँ
पुणे शहर के डाक कार्यालय से 25 किलोमीटर दूर त्रिज्या के परिसर मे 1,000 पुष्प-वनस्पति की प्रजातियाँ, 104 फुलपाखर की प्रजातियाँ, 350 पक्षियो की प्रजातियाँ और 64 स्तनधारी प्राणियों की प्रजातियाँ पाई गई है।
यातायात और परिवहन
पुणे शहर भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से सड़क, रेलवे व हवाईमार्ग से जुड़ा हुआ है। पुणे का विमानतल से पहले केवल देश के अन्य शहरों के लिए उड़ाने थी, मगर सिंगापुर व दुबई के लिए उड़ा आने के बाद इसे अन्तरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ है।
कृषि और खनिज
ज्वार, बाजरा, गन्ना और चावल यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।
उद्योग और व्यापार
महाराष्ट्र व भारत का एक पुणे महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। मुंबई महानगर के बाद महाराष्ट्र राज्य मे पुणे ही सर्वाधिक औद्योगिक शहर है। विश्व मे सर्वाधिक दुपहिए बनाने वाली कंपनी बजाज ऑटो पुणे मे है। टेल्को, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। यहाँ स्थित आधुनिक विशाल औद्योगिक इकाइयों में कार, स्कूटर, ट्रक एंटीबायोटक, औषधि, आधुनिक अभियांत्रिकी पुर्ज़े तथा तेल से चलने वाले इंजनों का निर्माण होता है। अन्य इकाइयाँ चिंचवड तथा पूर्व में भोसारी समेत आसपास के क्षेत्रों में स्थित हैं। नए उद्योग पूणे-शोलापुर मार्ग पर स्थित स्थान को पसंद करते हैं।
1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइबीएम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले, और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। पुणे के आसपास के क्षेत्र, जिसे अब वृहद (ग्रेटर) पुणे कहा जाता है। इसमें सह्याद्रि पहाडियाँ, बालघाट श्रृंखला (उत्तर) और महादेव पहाडियाँ (दक्षिण) शामिल है, और भीमा नदी की ऊपरी घाटी का हिस्सा भी मिला हुआ है।
विश्व की दूसरी सबसे बडी फोर्जिंग कंपनी भारत फोर्ज, कमिन्स इंजिन्स, अल्फा लव्हाल, थायसन ग्रुप, के एस बी पंप, फिनोलेक्स। विद्युत व गृहपयोगी वस्तु व्हर्लपूल और एल.जी. के उत्पादन कारख़ाने, फ्रिटो-लेज, कोका-कोला के अन्न प्रक्रिया उद्योग पुणे मे स्थित है। अंतर्राष्ट्रीय हवाईमार्ग से पुणे को जोड़ने के बाद से ज़िले मे अनेक उद्योग निर्यात करने लगे है।
शिक्षण संस्थान
लबें अरसे से पुणे शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा है, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इसे भारत का ऑक्सफ़ोर्ड और कैब्रिज कहते थे। यहाँ के विख्यात शैक्षणिक संस्थानों में पुणे विश्वविद्यालय (स्थापना 1948), फ़र्ग्युसन कॉलेज, इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एजुकेशन ऐंड रिसर्च, इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एजुकेशन ऐंड रिसर्च, इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एजुकेशन, महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड एजुकेशनल रिसर्च, एकेडमी ऑफ़ कम्युनिकेश्न स्किल, एकेडमी ऑफ़ पोलिटिकल ऐंड सोशल रिसर्च , छत्रपति शिवाजी मेडिकल कॉलेज, सी.ए. मेडिकल कॉलेज ऑफ़ आल्टरनेटिव मेडिसिन, कॉलेज ऑफ़ कंप्यूटर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, डी. इंस्टिट्यूट ऑफ़ वोकेशनल कोर्सेस, इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिजनेस मैनेजमेंट ऐंड रिसर्च, फ़िल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, और बी.डी. इंस्टिट्यूट ऑफ़ फ़ैशन टेक्नोलॉजी शामिल हैं। यहाँ अंतराष्ट्रीय स्तर के शोध संस्थान हैं, जैसे भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टिट्यूट (स्थापना 1917), गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ़ पॉलिटिक्स ऐंड इकोनॉमिक्स तथा दक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च इंस्टिट्यूट, जो मानव विश्वविद्यालय भी है और इटंर यूनिवर्सिटी सेंटर फ़ॉर एस्ट्रोनॉमी ऐंड एस्ट्रोफ़िज़िक्स एक स्वायत्त संस्था है।
इस नगर में स्थित सरकारी कार्यालयों में शिक्षा निदेशालय, सेंकेंड्री स्कूल सर्टिफ़िकेट परिक्षा बोर्ड, महाराष्ट्र स्टेट ब्यूरो टेक्स्ट बुक प्रोडेक्शन ऐंड करीकुलर रिसर्च, तिलक महराष्ट्र विद्यापीठ तथा विभिन्न राजनितिक, सामाजिक और शैक्षिक नेताओं द्वारा स्थापित संस्थाओं द्वारा वित्त प्रदत्त शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। यहाँ केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित संस्थान, जैसे भारतीय मौसम विज्ञान और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी भी स्थित हैं। शहर के पश्चिमी सीमा पर खड़गवासला में नेश्नल डिफ़ेंस अकादमी और सेंट्रल वाटर ऐंड पावर रिसर्च स्टेशन; उत्तर में इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी; पुणे विश्वविद्यालय परिसर में इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फ़ॉर एस्ट्रोनॉमी ऐंड एस्ट्रो फ़िज़िक्स; पूर्व में किरकी में प्रतिरक्षा उत्पादन इकाइयाँ स्थित हैं। यहाँ एक छावनी भी है, जिसमें प्रतिरक्षा कमान इकाई और आर्म्ड फ़ोर्सेस मेडिकल स्थित हैं।
जनसंख्या
पुणे की जनसंख्या (2001) 25,40,069 है, और ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या 80,191 है। पुणे ज़िले की जनसंख्या 72,24,224 है।
पर्यटन
प्रमुख धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटक स्थल सह्याद्रिके आसपास तथा भीमा नदी के किनारे स्थित इसकी ढलानों पर अवस्थित हैं। सिंहगढ़ जैसे कुछ विख्यात मराठा क़िले अब आधुनिक आरामगाह में परिवर्तित कर दिए गए हैं। यहाँ के धार्मिक केंद्रों में भीमशंकर, जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। संत कवि तुकाराम का जन्म स्थल देहू, आचार्य रजनीश का आश्रम (ओशो कम्यूम इंटरनेशनल सेंटर)। इसके निकट ही संत मेहरबाबा से संबंधित स्थान मेहराजाद और मेहराबाद हैं।
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