प्रयोग:फ़ौज़िया2

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

लखनऊ पर्यटन

लखनऊ नगर भारत गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। लखनऊ नगर गोमती नदी के किनारे पर बसा हुआ है। लखनऊ नगर में, लखनऊ ज़िला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है। लखनऊ नगर अपनी ख़ास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसंस्कृति, आम के बाग़ों और चिकन की कढ़ाई, नामचीन कत्थक नृत्य कला का जन्मस्थल, बेगम अख्त्तर की ग़ज़लों का सरूर लिए 'पहले आप' की तहज़ीबो अदब और शाम-ए-अवध के लिए जाने जाना वाला नवाबी तबियत का पूरी दुनिया में एक ही शहर है।

पर्यटन स्थल

लखनऊ शहर और आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। इनमें ऐतिहासिक स्थल, उद्यान, मनोरंजन स्थल एवं शॉपिंग मॉल आदि हैं। नवाबों ने इस नगर में अनेक भवनों का निर्माण किया, जिनमें बड़ा एवं छोटा इमामबाड़ा प्रमुख है।

बड़ा इमामबाड़ा
  • इमामबाड़े का निर्माण नवाब आसिफउद्दौला ने 1784 में कराया था और इसके संकल्‍पनाकार 'किफायतउल्‍ला' थे, जो ताजमहल के वास्‍तुकार के संबंधी कह जाते हैं।
  • बड़ा इमामबाड़ा एक रोचक भवन है। यह न तो मस्जिद है और न ही मक़बरा, किन्‍तु इस विशाल भवन में कई मनोरंजक तत्‍व अंदर निर्मित हैं। कक्षों का निर्माण और वॉल्‍ट के उपयोग में सशक्‍त इस्‍लामी प्रभाव दिखाई देता है।
  • इमामबाड़े का केन्‍द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है। स्‍तंभहीन इस कक्ष की छत 15 मीटर से अधिक ऊंची है।
  • इस भवन में तीन विशाल कक्ष हैं, इसकी दीवारों के बीच छुपे हुए लम्‍बे गलियारे हैं, जो लगभग 20 फीट मोटी हैं। यह घनी, गहरी रचना भूलभुलैया कहलाती है और इसमें केवल तभी जाना चाहिए जब आपका दिल मजबूत हो।
छोटा इमामबाड़ा
  • छोटा इमामबाड़ा को हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है।
  • छोटा इमामबाड़ा का निर्माण 'मोहम्मद अली शाह' ने करवाया था।
  • छोटे इमामबाड़े की मुख्य चोटी पर एक सुनहरा और बड़ा गुम्बद है।
रूमी दरवाज़ा
  • रूमी दरवाजे की इमारत 60 फीट ऊँची है।
  • अवध वास्तुकला के प्रतीक इस दरवाजे को तुर्किश गेटवे कहा जाता है।
  • रूमी दरवाजा कांस्टेनटिनोपल के दरवाजों के समान दिखाई देता है।
रेसीडेन्सी
  • रेसिडेंसी वर्तमान में एक राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक है।
  • रेसिडेंसी अवध प्रांत की राजधानी लखनऊ में रह रहे, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंम्पनी के अधिकारियों का निवास स्थान हुआ करता थी।
  • रेजीडेन्‍सी के खंडहर हमें लखनऊ में 1857 के महान विद्रोह की याद दिलाते हैं। वे यथास्‍थिति में परिरक्षित है जिसमें वे 1920 में केन्‍द्रीय संरक्षण में आए।
चारबाग़ रेलवे स्टेशन
  • चारबाग़ रेलवे स्टेशन लखनऊ का प्रमुख रेलवे स्टेशन है।
  • चारबाग़ में स्थित होने के कारण इसका नाम चारबाग़ स्टेशन हैं।
  • चारबाग़ रेलवे स्टेशन 1914 में बनकर तैयार हुआ था। इसकी स्थापत्य कला में राजस्थानी भवन निर्माण शैली की झलक मिलती है।
  1. बारादरी,
  2. छत्तर मंज़िल,
  3. दिलकुश और
  4. प्रमुख हैं।
  5. आधुनिक भवन में विधानसभा भवन और चारबाग़ रेलवे स्टेशन के नाम से उल्लेखनीय है।
  6. इस नगर को 'बाग़ों का शहर' भी कहा जाता है।
  7. यहाँ राजकीय संग्रहालय भी है। जिसकी स्थापना 1863 में की गई थी।
  8. 500 वर्ष पुरानी मुस्लिम सन्त शाह मीना की क़ब्र भी यहीं पर है।


घंटाघर
  • लखनऊ का घंटाघर भारत का सबसे ऊंचा घंटाघर है।
  • यह घंटाघर 1887 ई. में बनवाया गया था।
  • इसे ब्रिटिश वास्तुकला के सबसे बेहतरीन नमूनों में माना जाता है।
  • 221 फीट ऊँचे इस घंटाघर का निर्माण नवाब नसीरूद्दीन हैदर ने सर जार्ज कूपर के आगमन पर करवाया था। वे संयुक्त अवध प्रान्त के प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर थे।
जामी मस्जिद
  • जामी मस्जिद लखनऊ की सबसे बड़ी मस्जिद है।
  • जामी मस्जिद की छत के अंदरुनी हिस्‍से में खूबसूरत चित्रकारी देखी जा सकती है।
  • छोटा इमामबाड़े के पश्चिम दिशा में जामी मस्जिद स्थित है।
  • इस मस्जिद का निर्माण मोहम्मद शाह ने शुरू किया था लेकिन 1840 ई. में उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने इसे पूरा करवाया।
बनारसी बाग़
  • बनारसी बाग़ वास्तव में यह एक चिड़ियाघर है। स्थानीय लोग इस चिड़ियाघर को बनारसी बाग़ कहते हैं।
  • यहाँ के हरे भरे वातावरण में जानवरों की कुछ प्रजातियों को छोटे पिंजरों में रखा गया है।
  • चिडियाघर में ही एक सरकारी संग्रहालय है जहाँ बहुत-सी ऐतिहासिक वस्तुएँ देखी जा सकती हैं।
  • मथुरा से लाई गई पत्थरों की मूर्तियों का संग्रह और रानी विक्टोरिया की मूर्ति देखने में बेहद आकर्षक है।
  • संग्रहालय में मिस्र की एक ममी भी रखी हुई है जो पर्यटकों के बीच आकर्षक का केन्द्र रहती है।
पिक्चर गैलरी
  • छोटा इमामबाड़े के घंटाघर के समीप 19वीं शताब्दी में बनी यह पिक्चर गैलरी है।
  • यहाँ लखनऊ के लगभग सभी नवाबों की तस्वीरें देखी जा सकती हैं।
  • यह गैलरी लखनऊ के उस अतीत की याद दिलाती है जब यहाँ नवाबों का डंका बजता था।
मोती महल
  • गोमती नदी की सीमा पर बनी तीन इमारतों में मोती महल प्रमुख है।
  • इसे सआदत अली खां ने बनवाया था। मुबारक मंजिल और शाह मंजिल अन्य दो इमारतें हैं।
  • बालकनी से जानवरों की लड़ाई और उड़ते पक्षियों को देखने हेतु नवाबों के लिए इन इमारतों को बनवाया गया था।