भग

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  • भग द्वादश आदित्य देवताओं में से एक हैं। इस शब्द का साधारण अर्थ है 'देने वाला'।
  • ऋग्वेद में इस देवता की विधर्ता, विभक्ता, भगवान इत्यादि उपाधियाँ पाई जाती हैं। वास्तव में यह समृद्धि और ऐश्वर्य का देवता है।
  • वरुण के साथ इसका उल्लेख पाया जाता है।
  • उषा भग की बहन (भगिनी) हैं, जो स्वयं जागृति और समृद्धि की देवी हैं।
  • यास्क[1] के अनुसार भग सूर्य का वह रूप है जो पूर्वाह्न की अध्यक्षता करता है।
  • प्राचीन ईरानी भाषा में भग (बध) 'अहुरमज्द' का एक विशेषण है।
  • स्लोवानिक (यूरोपीय आर्य) भाषा में ईश्वर का एक नाम भग (बोगु) है।
  • इस देवता का व्यक्तित्व स्पष्ट और विकसित नहीं हुआ है। आगे चलकर परमात्मा के ऐश्वर्य अर्थ में इसका विलय हो गया और परमात्मा को 'भगवान' कहा जाने लगा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. यास्क (निरुक्त, 12.13)

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