मुहम्मद अली जिन्ना
मुहम्मद अली जिन्ना (जन्म- 25 दिसंबर, 1876; मृत्यु- 11 सितंबर 1948) ब्रिटिश भारत के प्रमुख नेता और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भी थे।
जीवन परिचय
जिन्ना कराची के एक संपन्न व्यापारी के सबसे बड़े बेटे थे। मुहम्मद अली जिन्ना ने बाद में अपना नाम संक्षिप्त करके जिन्ना रख लिया था। जिन्ना के पिता ने जिन्ना को लंदन में एक व्यापारी कंपनी में प्रशिक्षु के रूप में भर्ती करा दिया था। लंदन पहुँचने के थोड़े समय बाद ही मुहम्मद अली जिन्ना व्यापार छोड़कर कानून की पढ़ाई में लग गए थे। मुहम्मद अली जिन्ना युवा बैरिस्टर के रूप में मुम्बई में अपना भाग्य आजमाने की सोचने लगे और बाद में वक़ील के रूप में जमने के बाद जिन्ना ने राजनीति में सक्रिय रूचि लेनी आरंभ कर दी। यह एक विडंबना थी कि वह 1906 में हिन्दुओं का ही प्रभुत्व रखने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने और हिन्दू-मुस्लिम एकता के उत्साही समर्थक थे।
ग़लत फ़हमी
जिन्ना कहते थे कि दोनों समुदाय इकट्ठे हो जाएँ तो गोरों पर हिंदुस्तान से चले जाने के लिए अधिक दबाव डाला जा सकता है। लेकिन कांग्रेस से कई बार प्रताड़ित होने के बाद उन्हें यह ग़लत फ़हमी हो गई कि हिन्दू बहुल हिंदुस्तान में मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व कभी नहीं मिल सकेगा। सो वह एक नए राष्ट्र पाकिस्तान की स्थापना के घोर समर्थक और प्रचारक बन गए और भारत को दो भागो में बाँट दिया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ