उर्स

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
ऋचा (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:27, 3 जून 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} उर्स मुसलमानों के मतानुसार कि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

उर्स मुसलमानों के मतानुसार किसी फ़कीर, महात्मा, पीर आदि के मरने के दिन का कृत्य या उत्सव। इस दिन संबंधित फ़कीर या पीर की दरगाह की सफाई करके उसे सजाया जाता है और मुसलमान लोग नमाज़ पढ़ने के बाद उस पर चिराग जलाते या चादरें चढ़ाते हैं। तत्पश्चात्‌ वहाँ संगीत[1] का कार्यक्रम रखा जाता है। भारत में अजमेर और पिरानकलियर के उर्स बहुत प्रसिद्ध हैं जहाँ देश भर के कव्वाल तथा गायक-गायिकाएँ आती हैं और अपने संगीत से उपस्थित जनसमुदाय का मनोरंजन करती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (क़व्वाली)

बाहरी कड़ियाँ