अविस्थल

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  • युधिष्ठिर ने यह संदेश दुर्योधन के पास संजय द्वारा भिजवाया था-

    'अविस्थलंवृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्वत्र किंचिदेकं च पंचमम्'

    अर्थात हमें केवल अविस्थल, वृकस्थल, माकंदी, वारणावत तथा पाँचवाँ कोई भी ग्राम दे दें।
  • वृकस्थल या वृकप्रस्थ[2]माकन्दी और वारणावत[3] हस्तिनापुर के निकट ही स्थित थे।
  • अविस्थल भी इनके निकट ही होगा यद्यपि इसका ठीक-ठीक अभिज्ञान संदिग्ध है। कुछ विद्वानों के अनुसार अविस्थल का शुद्ध पाठ कपिस्थल या कपिष्ठल होना चाहिए। कपिस्थल वर्तमान कैथल[4] है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उद्योग0 31-19
  2. (वर्तमान बागपत, ज़िला मेरठ, उ0 प्र0)
  3. (वर्तमान बरनावा, जिला मेरठ)
  4. (जिला करनाल, पंजाब)

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