भारतकोश:Quotations/गुरुवार
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- पुष्पों के गुच्छे की तरह महापुरूषों की दो ही गतियाँ होती हैं - या तो वे सब लोगों के सिर पर विराजते हैं अथवा वन में ही मुरझा जाते हैं। -भर्तृहरि (नीतिशतक,33)
- धन खोकर अगर हम अपनी आत्मा को पा सकें, तो यह कोई महँगा सौदा नहीं है। -प्रेमचन्द (गोदान, पृ॰297) .... और पढ़ें