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त्रिपुरा
त्रिपुरा प्रदेश के ज़िले

उत्तर त्रिपुरा ज़िला . दक्षिण त्रिपुरा ज़िला . धलाई ज़िला . पश्चिम त्रिपुरा ज़िला


साँचा:केरल में राष्‍ट्रीय राजमार्ग

नाम लम्‍बाई (कि.मी)

1- एन॰एच॰ 17 – राष्‍ट्रीय राजमार्ग

420.777

2- एन॰एच॰ 47 – वालयार कलिमकविला

416.800

3- एन॰एच॰ 47 A – वैलिंगटन द्वीप से कोच्चि बाईपास

5.920

4- एन॰एच॰ 49 – बोडीमेट्टू मुवात्‍तपुझा कोच्चि

167.593

5- एन॰एच॰ 208 – कोल्‍लम आयनिकवू मुवात्‍तपुझा

81.280

6-एन॰एच॰ 212 – कोझीकोड कल्‍लेगड

117.600

7- एन॰एच॰ 213 – कोझीकोड कलपलक्‍कड

125.300

8- एन॰एच॰ 220 –कोल्‍लम कोट्टयम कुमिनी

190.300

|9- रास्ता नापना। | अर्थ - चले जाना। |- |10- रास्ते पर लाना। | अर्थ - सुधार करना। |- |11- रोगंटे खड़े होना। | अर्थ - रोमांच होना। |- |12- रो धोकर दिन काटना। | अर्थ - जैसे –तैसे जीवन बिताना। |- |13- मुँह की खाना। | अर्थ - बुरी तरह हारना। |- |14- मुँह धो रखना / आना। | अर्थ - आशा न रखना। |- |15- मुँह पकड़ना। | अर्थ - बोलने न देना। |- |16- मुँह पर बसंत फूलना या खिलना। | अर्थ - भयभीत होना। |- |17- मुँह बनाना। | अर्थ - खीझ प्रकट करना। |- |18- मुँह में पानी भर आना / लार टपकाना। | अर्थ - खाने को जी करना। |- |19- मुट्ठी गरम करना। | अर्थ - घूस देना। |- |20- मैदान मारना। | अर्थ - लड़ाई जीतना। |- |21- मुट्ठी में करना। | अर्थ - वश में करना। |- |22- मोटा आदमी / असामी। | अर्थ - धनी व्यक्ति। |- |23- मोहर लगा देना। | अर्थ - पुष्टि करना। |- |24- म्याऊँ का ठौर पकड़ना। | अर्थ - खतरे में पड़ना। |- |25- नानी क्वाँरी मर गई , नाती के नौ-नौ ब्याह। | अर्थ - झूठी बड़ाई। |- |26- नाम बड़े दर्शन छोटे। | अर्थ - बहुत प्रसिद्ध होना पर वास्तव में गुणों का न होना। |- |27- नाम बढ़ावे दाम। | अर्थ - किसी चीज़ का नाम हो जाने से उसकी कीमत बढ़ जाती है। |- |28- नामी चोर मारा जाए, नामी शाह कमा खाए। | अर्थ - बदनामी से बुरा, नेकनामी से भला होता है। |- |29- नारियल में पानी,क्या पता खट्टा कि मीठा। | अर्थ - इस बात में संशय है। |- |30- नीचे की साँस नीचे, ऊपर की साँस ऊपर। | अर्थ - डर या दु:ख से घबरा जाना। |- |31- नीचे से जड़ काटना, ऊपर से पानी देना। | अर्थ - ऊपर से मित्र, भीतर से शत्रु, दिखावा करना। |- |32- नीम हकीम खतरा-ए-जान। | अर्थ - अनुभवहीन व्याक्ति के हाथों काम बिगड़ जाता है। |- |33- नेकी और पूछ-पूछ। | अर्थ - भलाई का काम करके फल की उम्मीद मत करो। |- |34- नौ दिन चले अढ़ाई कोस। | अर्थ - बहुत ही मंद गति से काम होना। |- |35- नौ नकद , न तेरह उधार। | अर्थ - नकद का काम उधार के काम से अच्छा होता है। |- |36- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली। | अर्थ - जीवन भर कुकर्म करते रहे अन्त में भले बन बैठे। |- |37- नाचने निकली तो घूँघट क्या। | अर्थ - कोई काम करना शुरु करने पर शर्म नहीं आनी चाहिए। |- |38- नकेल हाथ में होना। | अर्थ - वश में होना। |- |39- नब्ज़ पहचानना। | अर्थ - स्वभाव जानना, कमज़ोरी जानना। |- |40- नमक मिर्च लगाना। | अर्थ - बढ़ा-चढ़ाकर कहना। |- |41- नस-नस फड़क उठना। | अर्थ - बहुत उत्साहित होना। |- |42- नस पहचानना। | अर्थ - अच्छी तरह जानना। |- |43- नहले पर दहला मारना। | अर्थ - करारा जवाब देना। |- |44- नाक कटना। | अर्थ - बदनामी होना। |- |45- नाक का बाल होना। | अर्थ - बहुत प्यारा होना। |- |46- नाक चोटी काटकर हाथ में देना। | अर्थ - दुर्दशा करना। |- |47- नाक भौं चढ़ाना। | अर्थ - घृणा, असंतोष प्रकट करना। |- |48- नाक में नकेल डालना। | अर्थ - वश में करना। |- |49- नाक रगड़ना। | अर्थ - गिड़गिड़ाना। |- |50- नाकों चने चबवाना। | अर्थ - बहुत तंग करना। |- |51- नाच नचाना। | अर्थ - मनचाही करवाना। |- |52- नानी मर जाना। | अर्थ - होश न रहना। |- |53- नाव में धूल उड़ाना। | अर्थ - व्यर्थ में बदनाम करना। |- |54- निन्यानवे के फेर में पड़ना। | अर्थ - पैसा जोड़ने के चक्कर में पड़ना। |- |55- नीचा दिखाना। | अर्थ - हराना, बेइज़्ज़्ती करना। |- |56- नीला-पीला होना। | अर्थ - गुस्सा होना। |- |57- नौ दो ग्यारह होना। | अर्थ - भाग जाना। |- |58- दूध का दूध और पानी का पानी। | अर्थ - सही निर्णय करना। |- |59- दूध के दाँत न टूटना। | अर्थ - ज्ञान और अनुभव न होना। |- |60- दूर की कौड़ी लाना। | अर्थ - दूर तक का सोच लेना। |- |61- देवता कूच कर जाना। | अर्थ - घबरा जाना। |- |62- दो टूक बात कहना। | अर्थ - साफ-साफ कहना। |- |63- दो दिन का मेहमान। | अर्थ - जल्दी मरने वाला। |- |64- दो नावों पर पैर रखना। | अर्थ - दोनों तरफ रहना। |- |65- जो सुख चौबारे, न बखल न बुखारे। | अर्थ - अपना घर दूर से सूझता है। |- |66- जंगल में मंगल होना। | अर्थ - उजाड़ में चहल-पहल होना। |- |67- जड़ों में मट्ठा ड़ालना / तेल देना / जड़ खोदना / जड़ काटना। | अर्थ - समूल नष्ट करना। |- |68- ज़बान काट कर देना। | अर्थ - वादा करना। |- |69- ज़बान पर चढ़ना। | अर्थ - याद आना। |- |70- ज़बान पर लगाम न होना। | अर्थ - बेमतलब बोलते जाना। |_ |71- ज़मीन आसमान एक करना। | अर्थ - सब उपाय कर डालना। |- |72- ज़मीन आसमान का फर्क। | अर्थ - बहुत भारी अंतर होना। |- |73- ज़मीन पर पैर न रखना। | अर्थ - अकड़कर चलना, इतराना। |- |74- ज़मीन में गड़ना। | अर्थ - लज्जा से सिर नीचा होना। |- |75- जलती आग में घी डालना। | अर्थ - और भड़काना। |- |76- जली-कटी सुनाना। | अर्थ - बुरा-भला कहना। |- |77- ज़हर उगलना। | अर्थ - कड़वी बातें कहना। |- |78- ज़हर की पुडि़या। | अर्थ - झगड़ालू औरत। |- |79- ज़हाज का पंछी। | अर्थ - जिसका कोई ठिकाना नहीं हो। |- |80- जान के लाले पड़ना। | अर्थ - संकट में पड़ना। |- |81- जान पर खेलना। | अर्थ - जान की बाजी लगाना। |- |82- जान में जान आना। | अर्थ - चैन, सकून मिलना। |- |83- जान से हाथ धोना बैठना। | अर्थ - मारा जाना। |- |84- जान हथेली पर रखना। | अर्थ - जान की परवाह न करना। |- |85- जामे से बाहर होना। | अर्थ - अत्यधिक क्रुद्ध होना। |- |86- जी का जंजाल। | अर्थ - व्यर्थ का झंझट। |- |87- जी खट्टा होना। | अर्थ - विरक्ति होना। |- |88- जी चुराना। | अर्थ - काम करने से कतराना। |- |89- जीते जी मक्खी निगलना। | अर्थ - जी पर बन आना। |- |90- जी भर आना। | अर्थ - दु:खी होना। |- |91- जूतियों में दाल बाँटना। | अर्थ - लड़ाई- झगड़ा होना। |- |92- जूते चाटना। | अर्थ - चापलूसी करना। |- |93- जोड़-तोड़ करना। | अर्थ - उपाय करना। |- |} |94- कान गरम करना। | अर्थ - पिटाई करना। |- |95- कान देना। | अर्थ - ध्यान से सुनना। |- |96- कान पकड़ना। | अर्थ - गलती मान लेना। |- |97- कान पर जूँ तक न रेंगना। | अर्थ - कुछ भी परवाह न करना। |- |98- कान भरना। | अर्थ - चुगली करना। |- |99- कान में बात डाल देना। | अर्थ - सुना देना, कह देना। |- |100- कान में तेल डालकर बैठना। | अर्थ - सुनकर भी सुनी हुई बात पर ध्यान न देना। |- |101- कान में फूँकना। | अर्थ - चुपचाप से कह देना। |- |102- कान लगाना। | अर्थ - ध्यान देकर सुनना। |- |103- काफूर होना। | अर्थ - गायब हो जाना। |- |104- काम आना। | अर्थ - शत्रु के हाथों मारा जाना। |- |105- काम तमाम करना। | अर्थ - मार डालना। |- |106- काया पलट जाना। | अर्थ - बदल कर दूसरा ही रूप हो जाना। |- |107- काल कवलित होना। | अर्थ - मर जाना। |- |108- काल के गाल में जाना। | अर्थ - मर जाना। |- |109- काला नाग। | अर्थ - खोटा या घातक व्यक्ति । |- |110- काला मुँह करना। | अर्थ - बदनामी करना, नाम खराब करना। |- |111- काले कोसों। | अर्थ - बहुत दूर। |- |112- क़िताबी कीड़ा होना। | अर्थ - केवल पढ़ने में ही लगे रहना। |- |113- किरकिरी हो जाना। | अर्थ - विघ्न पड़ना। |- |114- किस दर्द या मर्ज़ की दवा। | अर्थ - किसी भी काम का न होना। |- |115- किस्मत फूटना। | अर्थ - बुरे दिन आना। |- |116- कीचड़ उछालना। | अर्थ - निंदा करना। |- |117- कुआँ खोदना। | अर्थ - किसी को हानि पहुँचाने की कोशिश करना। |- |118- कुएँ में गिरना। | अर्थ - विपत्ति में पड़ जाना। |- |119- कुएँ में भाँग पड़ना। | अर्थ - सबकी बुद्धि मारी जाना। |- |120- कुछ उठा न रखना। | अर्थ - कोई कसर या कमी न छोड़ना। |- |121- कुत्ते की दुम। | अर्थ - जैसा है वैसा ही रहना, बदलाव ना आना। |- |122- कुत्ते की मौत मरना। | अर्थ - बुरी तरह मरना। |- |123- कूच कर जाना। | अर्थ - चले जाना। |- |124- कूप मंडूक होना। | अर्थ - सीमित ज्ञान या अनुभव वाला होना। |- |125- कोई दम भर का मेहमान होना। | अर्थ - मरने के क़रीब होना। |- |126- कोढ़ में खाज होना। | अर्थ - दु:ख में और दु:ख होना। |- |127- कोर दबना। | अर्थ - दबाव में होना। |- |128- कोल्हू का बैल। | अर्थ - दिन रात काम में लगे रहने वाला। |- |129- कौए उड़ाना। | अर्थ - घटिया या छोटे काम करना। |- |130- कौड़ी-कौड़ी पर जान देना। | अर्थ - कंजूस होना। |- |131- कंधे से कंधा छिलना। | अर्थ - भारी भीड़ का होना, मेलों में यात्रियों का कंधे से कंधे छिलता है। |- |132- ककड़ी-खीरा समझना। | अर्थ - किसी व्यक्ति को नगण्य या तुच्छ समझना। |- |133- कच्चा चिट्ठा खोलना। | अर्थ - सबके सामने सब भेद खोल देना। |- |} 228 - देखकर मक्खी नहीं निगली जाती, `अर्थ - कहावत - अहित सामने देखकर चुप नहीं रहा जाता। |}