बरुआ
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
बरुआ आसाम के अहोम राजाओं के पदाधिकारी को कहा जाता था। उनका स्थान फूकन के बाद होता था। मूलरूप में ऐसे लगभग बीस अधिकारी होते थे, जो उच्च अहोम परिवारों से चुने जाते थे। वे प्रशासन के विभिन्न विभागों के प्रधान होते थे। बाद में अहोमों से इतर प्रजा से भी इनकी नियुक्ति होने लगी। कालान्तर में धर्म अथवा जाति का ध्यान किये बिना इस पद पर आसीन सभी व्यक्तियों को 'बरुआ' कहा जाने लगा। यह पदनाम उन सभी लोगों ने ग्रहण कर लिया, जिनके पूर्वज कभी इस पद पर रहे थे। आसाम के कुछ मुसलमान परिवारों की भी उपाधि 'बरुआ' है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 273।