बनास नदी
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रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:42, 25 अक्टूबर 2011 का अवतरण
- इसकी घाटी में प्राचीन मानव सभ्यता के अनेक प्रकार के प्रस्तर के उपकरण प्राप्त हुए हैं।
- इसका उद्गम कुंभलगढ़ के निकट है और यह अरावली पर्वतमाला को चीरकर अपना रास्ता बनाती है।
- इसके बाद पूर्वोत्तर की ओर बढ़ते हुए यह मैदानों तक पहुँचती है और 500 किमी बहने के बाद शिवपुर के उत्तर में चंबल नदी से मिलती है।
- बनास एक मौसमी नदी है, जो गर्मी के समय अक्सर सूखी रहती है, लेकिन इसके बावजूद यह सिचाई का स्रोत है।
- बरेच और कोटरी इसकी सहायक नदियाँ हैं।
- समूची घाटी में मिट्टी के बहाव से कई स्थानों में अनुपजाऊ भूमि का निर्माण हो गया।