वैष्णव जन तो तेने कहिये
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वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।2। |
- गुजरात के संत कवि नरसी मेहता द्वारा रचा ये भजन गाँधी जी को बहुत प्रिय था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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