उपनयन संस्कार
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- हिन्दू धर्म संस्कारों में उपनयन संस्कार दशम संस्कार है।
- मनुष्य जीवन के लिए यह संस्कार विशेष महत्वपूर्ण है।
- इस संस्कार के अनन्तर ही बालक के जीवन में भौतिक तथा आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
- इस संस्कार में वेदारम्भ-संस्कार का भी समावेश है।
- इसी को यज्ञोपवीत-संस्कार भी कहते हैं। इस संस्कार में वटुक को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी जाती है और यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है। विशेषकर अपनी-अपनी शाखा के अनुसार वेदाध्ययन किया जाता है।