हबीब तनवीर
हबीब तनवीर (अंग्रेज़ी: Habib Tanvir, जन्म: 1 सितंबर 1923 – मृत्यु: 8 जून 2009) भारत के सबसे मशहूर पटकथा लेखक, नाट्य निर्देशक, कवि और अभिनेता थे। हबीब तनवीर हिन्दुस्तानी रंगमंच के शलाका पुरुष थे। उन्होंने लोकधर्मी रंगकर्म को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित किया और भारतीय रंगमंच को एक नया मुहावरा दिया।
जीवन परिचय
हबीब तनवीर का जन्म 1 सितंबर, 1923 को छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था। उनके पिता हफ़ीज अहमद खान पेशावर (पाकिस्तान) के रहने वाले थे। स्कूली शिक्षा रायपुर और बी.ए. नागपुर के मौरिस कॉलेज से करने के बाद वे एम.ए. करने अलीगढ़ गए। युवा अवस्था में ही उन्होंने कविताएँ लिखना आरंभ कर दिया था और उसी दौरान उपनाम 'तनवीर' उनके साथ जुडा। 1945 में वे मुंबई गए और ऑल इंडिया रेडियो से बतौर निर्माता जुड़ गए। उसी दौरान उन्होंने कुछ फिल्मों में गीत लिखने के साथ अभिनय भी किया।
इप्टा से संबंध
मुंबई में तनवीर प्रगतिशील लेखक संघ और बाद में इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन (इप्टा) से जुड़े। ब्रिटिशकाल में जब एक समय इप्टा से जुड़े तब अधिकांश वरिष्ठ रंगकर्मी जेल में थे। उनसे इस संस्थान को संभालने के लिए भी कहा गया था। 1954 में उन्होंने दिल्ली का रुख किया और वहाँ कुदेसिया जैदी के हिंदुस्तान थिएटर के साथ काम किया। इसी दौरान उन्होंने बच्चों के लिए भी कुछ नाटक किए।[1]
विवाह
दिल्ली में तनवीर की मुलाकात अभिनेत्री मोनिका मिश्रा से हुई जो बाद में उनकी जीवनसंगिनी बनीं। यहीं उन्होंने अपना पहला महत्वपूर्ण नाटक 'आगरा बाजार' किया। 1955 में तनवीर इग्लैंड गए और रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक्स आर्ट्स (राडा) में प्रशिक्षण लिया। यह वह समय था जब उन्होंने यूरोप का दौरा करने के साथ वहाँ के थिएटर को क़रीब से देखा और समझा।
प्रमुख कृतियाँ
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सम्मान और पुरस्कार
हबीब तनवीर को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1969), पद्मश्री (1983), संगीत नाटक एकादमी फेलोशीप (1996), पद्म भूषण (2002) जैसे सम्मान मिले। वे 1972 से 1978 तक संसद के उच्च सदन में राज्यसभा सदस्य भी रहे। उनका नाटक 'चरणदास चोर' एडिनवर्ग इंटरनेशनल ड्रामा फेस्टीवल (1982) में पुरस्कृत होने वाला ये पहला भारतीय नाटक था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ थिएटर के विश्वकोष हबीब तनवीर (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) वेबदुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 15 अक्टूबर, 2012।
- ↑ हबीब तनवीर ने गीत और पटकथा लिखी
बाहरी कड़ियाँ
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