गलता मन्दिर
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ऋषि गालव की पवित्रा तपोभूमि गलता एक प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। शहर की पूर्वी पहाडियों पर अवस्थित गलता के कुण्ड में गोमुख से निरन्तर पानी बहता रहता है। पर्वत की सर्वोच्च उंचाई पर सूर्य मंदिर है। गलता के रास्ते में पर्वत श्रृंखलाओं के बीच घाट की गूणी और आमागढ स्थित है।
घाट की गूणी क्षेत्रों में ही सवाई जयसिंह तृतीय की महारानी सिसोदिया द्वारा सऩ 1779 में निर्मित सिसोदिया रानी का महल एवं बाग है। इस बाग में आकर्षक फव्वारे एवं भव्य महल बना हुआ है। इसके समीप ही जयपुर के मुख्य वास्तुविद एवं नगर नियोजक विद्याधर के नाम से अनेक फव्वारों एवं कुण्डों से आच्छादित विद्याधर का बाग भी पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र है।