शे'र
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शे'र रदीफ़ तथा क़ाफ़िया से सुसज्जित एक ही वज़्न (मात्रा क्रम) को कहते हैं। अर्थात बह'र में लिखी गई दो पंक्तियाँ जिसमें किसी चिंतन, विचार अथवा भावना को प्रकट किया गया हो, शे'र कहलाता है।
- उदाहरण स्वरूप दो अश'आर (शे'र का बहुवचन) प्रस्तुत हैं -
फ़क़ीराना आये सदा कर चले
मियाँ ख़ुश रहो हम दु'आ कर चले ||1||
वह क्या चीज़ है आह जिसके लिए
हर इक चीज़ से दिल उठा कर चले ||2|| - (मीर तक़ी मीर)[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ (हिंदी) open books online। अभिगमन तिथि: 23 फ़रवरी, 2013।
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