मिला निमंत्रण आपका, धन्यवाद श्रीमान, किंतु हमारे हाल पर कुछ तो दीजे ध्यान। कुछ तो दीजे ध्यान, हुक्म काकी का ऐसा, बहुत कर चुके प्राप्त, प्रतिष्ठा-पदवी-पैसा। खबरदार, अब कविसम्मेलन में मत जाओ, लिखो पुस्तकें, हास्य-व्यंग्य के फूल खिलाओ।