अवध के नवाब
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अवध के नवाब भारत में 18वीं व 19वीं सदी में अवध के शासकों को कहा गया है। अवध के 139 वर्ष के शासनकाल में ये शासक रहे।
से | तक | शासक का नाम | जन्म - मृत्यु | चित्र |
---|---|---|---|---|
1732 - मुग़ल साम्राज्य का एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुग़ल सल्तनत के अधीन अवध में एक आनुवंशिक राज्यतंत्र की स्थापना की। | ||||
शासक (खिताब सूबेदार नवाब) | ||||
1732 | 19 मार्च 1739 | बोर्हन अल-मुल्क मीर मोहम्मद अमीन मुसावी सादत अली खान प्रथम | (1680 - 1739) | |
19 मार्च 1739 | 28 अप्रैल 1748 | अबू अल मंसूर मोहम्मद मोक़िम खान (पहली बार) | (1708-1754) | |
शासक (खिताब नवाब वज़ीर अल मामालिक) | ||||
28 अप्रैल 1748 | 13 मई 1753 | अबू अल मंसूर मोहम्मद मोक़िम खान (19 जून 1748 तक कार्यकारी) | ||
शासक (खिताब सूबेदार नवाब) | ||||
5 नवंबर 1753 | 5 अक्तूबर 1754 | अबू अल मंसूर मोहम्मद मोक़िम खान (दूसरी बारी) | ||
5 अक्तूबर 1754 | 15 फ़रवरी 1762 | जलालुद्दीन शुजाउद्दौला हैदर | (1732-1775) | |
शासक (खिताब नवाब वज़ीर अल ममालिक) | ||||
15 फ़रवरी 1762 | 26 जनवरी 1775 | जलालुद्दीन शुजाउद्दौला हैदर | ||
26 जनवरी 1775 | 21 सितंबर 1797 | आसफ़ुद्दौला अमनी | (1748 - 1797) | |
11 सितंबर 1797 | 21 जनवरी 1798 | मिर्ज़ा वज़ीर अली खान | (1780 - 1817) | |
21 जनवरी 1798 | 11 जुलाई 1814 | यामीनुद्दौला नाज़िम अल मुल्क सादत अली खान बहादुर द्वितीय | (1752 - 1814) | |
11 जुलाई 1814 | 19 अक्तूबर 1818 | ग़ाज़ीउद्दीन रफ़ातद्दौला अबू अल मुज़फ़्फ़र हैदर खान | (1769 - 1827) | |
8 अक्तूबर 1819 - शासकों ने बादशाह की उपाधि का प्रयोग शुरू किया, अर्थात् औपचारिक रूप से स्वाधीनता की घोषणा। | ||||
राजा (खिताब बादशाह-ए-अवध, शाह-ए-ज़माँ) | ||||
19 अक्तूबर 1818 | 19 अक्तूबर 1827 | ग़ाज़ीउद्दीन रफ़ातद्दौला अबू अल मुज़फ़्फ़र हैदर खान | ||
19 अक्तूबर 1827 | 7 जुलाई 1837 | नसीरुद्दीन हैदर सुलेमान जाह शाह | (1803 - 1837) | |
7 जुलाई 1837 | 17 मई 1842 | मोइनुद्दीन अबू अल फथ मोहम्मद अली शाह | (1777 - 1842) | |
17 मई 1842 | 13 फ़रवरी 1847 | नसीरुद्दौला अमजद अली तोरय्या जाह शाह | (1801 - 1847) | |
13 फ़रवरी 1847 | 7 फ़रवरी 1856 | नसीरुद्दीन अब्दुल मंसूर मोहम्मद वाजिद अली शाह | (1822 - 1887) | |
7 फ़रवरी 1856 - राजा अपदस्थ, अवध ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना। | ||||
5 जुलाई 1857 से 3 मार्च 1858 - अपदस्थ राजा ने स्वाधीनता संग्राम में भाग लिया | ||||
5 जुलाई 1857 | 3 मार्च 1858 | बिरजिस क़द्र (स्वाधीनता संग्राम के दौरान) | (1845? - 1893) |