आलष्पुषा
आलष्पुषा नगर, दक्षिणी केरल राज्य, दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित है जो अलेप्पी भी कहलाता है। यह अरब सागर तथा कोच्चि (भूतपूर्व कोचीन) के दक्षिण में वेंबानाद झील के बीच मे स्थित पतली भू-पट्टिका है।
इतिहास
18वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में अंग्रेज़ों ने इस शहर के बंदरगाह को विदेशी व्यापार के लिए खोला था, ताकि यहां से 16 किमी दूर पोराकाड स्थित डच व्यापार केंद्रों की वाणिज्यिक श्रेष्ठता समाप्त की जा सके।
उद्योग
यहां नारियल का तेल निकाला जाता है और नारियल के रेशों से बनी रस्सी, चटाई तथा कालीन का निर्माण व निर्यात होता है। यहां पर काली मिर्च की भी खेती होती है।
यातायात
यह शहर कोच्चि और तिरुवनंतपुरम (भूतपूर्व त्रिवेंदम) के बीच के मुख्य मार्ग पर स्थित है। नहरों के जाल से आलष्पुषा उत्तर में त्रिशूर (भूतरूर्व त्रिचूर) और दक्षिण में तिरुवनंतपुरम से जुड़ा है। तट से लगभग एक मील दूर स्थित जहाज़ों के लंगर डालने की जगह मिट्टी के तटबंध द्वारा संरक्षित है। इसे 'पूर्व का वेनिस' भी कहा जाता है और यह पश्चजल में मोटरबोट तथा पारंपरिक केट्डवलम (हाउसबोट) के ज़रिये विहार, नौकायन तथा स्पीडबोट की सवारी के लिए लोकप्रिय है। यहां कायालोरस लेक रिज़ॉर्ट स्थित है।
शिक्षा संस्थान
आलष्पुषा में केरल विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं।
जनसंख्या
आलष्पुषा नगर की जनसंख्या (2001) 1,77,079; और आलष्पुषा ज़िले की कुल 22,05,349 है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- पुस्तक- भारत ज्ञानकोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 140 | एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली