विष्णु विराट

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डॉ. विष्णु विराट (अंग्रेज़ी: Vishnu Virat) हिंदी तथा ब्रज के सरस गीता-दोहाकार एवं प्रतिष्ठित विद्वान थे, जिनका हाल ही में देहावसान हो गया। इनके लगभग साठ ग्रंथ प्रकाशित हैं। ये राष्ट्रीय काव्य मंच से संलग्न रहे और नवगीत के प्रतिनिधि हस्ताक्षर भी थे। डॉ. विष्णु विराट गुजरात हिंदी प्रचारिणी सभा के निदेशक और महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा के अध्यक्ष भी रहे।

मुख्य कविताएँ

  • कुछ व्यथित सी
  • प्यार की चर्चा करें
  • राजा युधिष्ठिर
  • रोशनी के वृक्ष
  • वनबिलाव
  • व्याघ्रटोले की सभाएँ
  • वेदों के मंत्र हैं
  • शेष सन्नाटा
  • सुमिरनी है पितामह की



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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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