यूसुफ़ मेहरअली
यूसुफ़ मेहरअली (अंग्रेज़ी: Yusuf Meherally, जन्म- 23 सितंबर, 1903; मृत्यु- 2 जुलाई, 1950) स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारक थे। यूसुफ़ ने मज़दूर और किसान संगठन को मज़बूत कराने में योगदान दिया तथा इसी कारण स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आठ बार जेल में जान पड़ा। मेहरअली कांग्रेस सोशलिस्ट के संस्थापकों में से एक थे।
परिचय
युसूफ जफर मेहर अली का जन्म 23 सितंबर, 1903 को मुम्बई के अभिजात्य वर्गीय खोजा मुस्लिम परिवार में हुए था। उन्होंने कलकत्ता और मुम्बई से अपनी शिक्षा प्राप्त की। यूसुफ़ ने सन 1920 में दसवीं की परीक्षा तथा 1925 में स्नात्तक की परीक्षा उत्तीर्ण की। मीनू मसानी अशोक मेहता, के.एफ. नरीमेन, अच्यूत पटवर्धन, जयप्रकाश नारायण तथा कमला देवी चट्टओपाध्याय उनके कुछ निकट सहयोगी थे।
जेल यात्रा
मेहर अली ने (1930) के नमक सत्याग्रह में हिस्सा लिया। सन 1934 में ब्रिटिश राज पर षड्यन्त्र रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और उन्हें दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। मेहरअली कांग्रेस सोशलिस्ट के संस्थापकों में से एक थे। उन्होंने 1940 के विशिष्ट सत्याग्रह में हिस्सा लिया और दोनों अवसरों पर उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। 47 वर्ष की अल्पायु में ही सन 1950 को उनका देहान्त हो गया।
रचनाएँ
उनके द्वारा रचित निम्न रचनाएँ हैं:-
1. वॉट टू रीड: ए स्टडी स्लेवस (1937) (What to Read: A Study Syllabus (1937))
2. लिडर ऑफ इण्डिया (1942), (Leaders of India (1942))
3. ए ट्रीप टू पाकिस्तान (A Trip to Pakistan (1944))
4. द मोर्डन वर्ल्ड (ए पॉलिटिकल स्टेडी स्लेवस पार्ट-1 (1945))
5. द प्राइज ऑफ लिबर्टी। (The Price of Liberty (1948))
निधन
यूसुफ़ मेहरअली का निधन 1950 में 47 वर्ष की अल्पायु में हुआ था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाराष्ट्र के क्रांतिकारी (हिंदी) क्रान्ति1857। अभिगमन तिथि: 18 फ़रवरी, 2017।
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