भीमस्वामी

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भीमस्वामी संस्कृत भाषा के श्रेष्ठ कवि थे। इनकी स्थिति छठी शताब्दी ई. के अंतिम चरण में मानी जाती है।

  • इनका 'रावणार्जुनीय काव्य' प्रसिद्ध है। 27 सर्गों वाले इस काव्य में कार्तवीर्य अर्जुन तथा रावण के युद्ध का वर्णन है।
  • भट्टि काव्य की तरह इस काव्य में भी काव्य के बहाने संस्कृत व्याकरण के नियमों के उदाहरण उपस्थित किए गए हैं, जिससे काव्य पक्ष कमजोर हो गया है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भीमस्वामी (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 23 सितम्बर, 2015।