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1 दो वस्तुओं के मध्य त्रियक या आड़ी मांग लोच के संबंध में भिन्न कथनों में से कौन सही है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-53

जब दो वस्तुएं पूर्ण स्थानापन्न हों तो आड़ी मांग लोच शून्य है।
जब दो वस्तुएं एक-दूसरे से पूर्ण स्वतंत्र हैं तो मांग की आड़ी लोच अनंत है।
जब दो वस्तुएं पूरक हैं तो मांग की आड़ी लोच धनात्मक है।
जब दो वस्तुएं संयुक्त रूप से मांगी जाती हैं तो मांग की आड़ी लोच ऋणात्मक होती है।

2 मांग की आड़ी लोच होती है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-125

सदैव धनात्मक
सदैव ऋणात्मक
स्थापानापन्न
संयुक्त मांग वाली वस्तुओं में ऋणात्मक

3 निम्नलिखित में से किस संदर्भ में पूर्ण प्रतियोगिता निश्चय ही एकाधिकार से श्रेष्ठतर होगी? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-104

प्रवैशिक कुशलता
आवंटन कुशलता
प्रौद्योगिकीय कुशलता
स्थैतिक कुशलता

4 निम्न में से कौन-सा अर्थशास्त्री ब्याज के सिद्धांत से संबंधित नहीं है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-48

ए. मार्शल
के. विकसेल
आई. फिशर
एफ. लिस्ट

5 बाज़ार क़ीमत है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-54

अल्पकालीन संतुलन क़ीमत
दीर्घकालीन संतुलन क़ीमत
स्वतंत्र बाज़ार में औसत क़ीमत
सभी बाज़ारों की औसत क़ीमत

6 जब मांग वक्र X-अक्ष के समानांतर एक सीधी रेखा के रूप में होता है, तो यह बताता है कि मांग की लोच- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-126

शून्य है
इकाई से कम है
इकाई से अधिक है
अनंत है

7 निम्न में से कौन एक पूर्ण प्रतियोगिता की आवश्यक शर्त नहीं है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-105

वस्तु विभेद की पूर्ण अनुपस्थिति
उत्पत्ति के साधनों की पूर्ण गतिशीलता
परिवहन लागतों का अभाव
विक्रय लागतों की उपस्थिति

8 अपने लगान सिद्धांत में रिकार्डो ने भूमि की हस्तांतरण आय को माना है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-49

बहुत अधिक
बहुत कम
शून्य
इनमें से कोई नहीं

9 उद्घाटित अधिमान सिद्धांत के प्रतिपादक कौन हैं? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-55

मार्शल
कीन्स
एलन
सैमुएलसन

10 तिरछी मांग से अभिप्राय एक वस्तु की मांग में परिवर्तन निम्न कारण के होने से होता है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-127

दूसरी वस्तु की उपयोगिता में अंतर।
दूसरी वस्तु की क़ीमत में परिवर्तन।
दूसरी वस्तु के स्वभाव में परिवर्तन।
दूसरी वस्तु के आकार में परिवर्तन