ब्लड मून

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विवरण ब्लड मून एक खगोलीय घटना है। पृथ्वी की छाया जब पूरे चंद्रमा को ढक देती है उसके बाद भी सूर्य की कुछ किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, लेकिन चांद तक पहुंचने के लिए उन्हें धरती के वायुमंडल से गुजरना पड़ता है।
विशेष पृथ्वी के वायुमंडल से बिखर कर जब किरणें चांद की सतह पर पड़ती हैं तो सतह पर एक लालिमा बिखेर देती हैं। जिससे चांद लाल रंग का दिखने लगता है। कई जगह और कई सभ्यताओं में इसका जिक्र 'ब्लड मून' के तौर पर होता है।
संबंधित लेख चन्द्र ग्रहण, सुपरमून, ब्लू मून, सूर्य ग्रहण
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ब्लड मून (अंग्रेज़ी: Blood Moon) एक खगोलीय घटना है। पृथ्वी की छाया जब पूरे चंद्रमा को ढक देती है उसके बाद भी सूर्य की कुछ किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, लेकिन चांद तक पहुंचने के लिए उन्हें धरती के वायुमंडल से गुजरना पड़ता है। इसके कारण सूर्य की किरणें बिखर जाती हैं। पृथ्वी के वायुमंडल से बिखर कर जब किरणें चांद की सतह पर पड़ती हैं तो सतह पर एक लालिमा बिखेर देती हैं। जिससे चांद लाल रंग का दिखने लगता है। कई जगह और कई सभ्यताओं में इसका जिक्र 'ब्लड मून' के तौर पर होता है।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 31 जनवरी को एक ही रात में दिखेगा 'सुपर ब्लड ब्लू मून' (हिंदी) फ़र्स्ट पोस्ट। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2018।

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