ग्रैवेयक
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ग्रैवेयक नामक एक अलंकरण का उल्लेख पाणिनि की 'अष्टाध्यायी' में हुआ है।
- 'अष्टाध्यायी' में स्त्रियों के प्रसाधन और अलंकरण की सामग्री का भी उल्लेख पाया जाता है। ग्रीवा में पहनने वाले अलंकरणों को ‘ग्रैवेयक’ कहा जाता था।[1][2]
इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास
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