रामदास गौड़
रामदास गौड़ (जन्म-1881, जौनपुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1937) हिंदी में वैज्ञानिक विषयों पर लिखने के लिए विख्यात थे। इन्होंने अद्वितीय ग्रंथ 'हिंदुत्व' लिखा।
परिचय
हिंदी में वैज्ञानिक विषयों पर लिखने के लिए प्रसिद्ध और अद्वितीय ग्रंथ 'हिंदुत्व' को लिखने वाले रामदास गौड़ का जन्म 1881 ईस्वी में जौनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। रामदास गौड़ ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य आरम्भ कर दिया। वे सब कुछ त्याग कर 1920-1921 के असहयोग आंदोलन में कूद पड़े। [1]
योगदान
रामदास गौड़ विशेषकर दो कार्यों के लिए याद किए जाते हैं, उन्होंने 'हिंदुत्व' नामक ऐसे ग्रंथ की रचना की जो संभवत: सभी भारतीय भाषाओं में अद्वितीय रहा है। यह ग्रन्थ वेद, वेदांग, दर्शन, स्मृति, इतिहास' पुराण ,तंत्र, संप्रदाय, पंथ आदि का पूरा और प्रामाणिक परिचय देने वाला है और इससे हिंदू धर्म के क्रमिक विकास की पूरी जानकारी मिलती है। हिंदी में वैज्ञानिक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए इलाहाबाद में 'विज्ञान परिषद' की स्थापना का श्रेय रामदास गौड़ को जाता है। रामदास गौड़ ने 'विज्ञान' नामक पत्र का भी प्रकाशन किया।
रचनाएं
रामदास गौड़ ने 'रामचरित मानस' के पाठ का संपादन भी किया है। इनकी प्रमुख रचनाओं में अद्वितीय ग्रंथ 'हिंदुत्व', और वैज्ञानिक अद्वैतवाद पुस्तक भी प्रसिद्ध है,
मृत्यु
रामदास गौड़ का 1937 ई. में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 732 |
बाहरी कड़ियाँ
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