मनुभाई राजाराम पंचोली
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मनुभाई राजाराम पंचोली (अंग्रेज़ी: Manubhai Rajaram Pancholi, जन्म- 15 अक्टूबर, 1914; मृत्यु- 29 अगस्त, 2001) गुजराती भाषा के प्रसिद्ध लेखक, उपन्यासकार, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और फिर आज़ादी के बाद विभिन्न पदों पर कार्य किया।
- मनुभाई राजाराम पंचोली का जन्म 15 अक्टूबर, 1914 को गुजरात के मोरबी जिले के पंचशिया गाँव में हुआ था।
- उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा तिथवा लुनसर से पूरी की। सन 1930 में जब वे वांकानेर में पढ़ रहे थे, तब उन्होंने नमक सत्याग्रह में भाग लेने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। उन्हें साबरमती, नासिक और विसापुर की जेल में डाल दिया गया।
- उन्होंने 1932 में भावनगर में शैक्षिक संस्थान, दक्षिणामूर्ति में रेक्टर के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया और बाद में 1938 में ग्राम दक्षिणामूर्ति, अंबाला में प्रोफेसर के रूप में शामिल हो गए।
- सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मनुभाई राजाराम पंचोली को गिरफ्तार किया गया और भावनगर की जेल में डाल दिया गया।
- उन्होंने 1948 में भावनगर राज्य के शिक्षामंत्री के रूप में कार्य किया।
- साल 1953 में सनोसरा में नानाभाई भट्ट के साथ लोकभारती ग्रामविद्यापीठ संस्थान की सह-स्थापना की।
- मनुभाई राजाराम पंचोली ने बारडोली के वरद गांव के पाटीदार परिवार की बेटी विजयाबेन पटेल से शादी की।
- साल 1967 से 1971 तक मनुभाई राजाराम पंचोली गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे और 1970 में शिक्षामंत्री के रूप में कार्य किया।
- 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
- उन्होंने 1981 से 1983 तक गुजराती साहित्य परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
- कह 1991 से 1998 तक गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भी रहे।
- 29 अगस्त 2001 को किडनी की बीमारी के कारण सनोसारा, भावनगर, गुजरात में मनुभाई राजाराम पंचोली की मृत्यु हो गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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