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अश्‌ 1 (स्वादिगण आराण्यक) अश्नुते, अतिश-अष्ट]

1. व्याप्त होना, पूरी तरह से भरना, प्रविष्ट होना-खं प्रावृषेण्यैरिव चानशेस्ब्दै[1]

2. पहुँचना, आना या आना, उपस्थित होना, प्राप्त करना

3. प्राप्त करना, ग्रहण करना, आनंद लेना, अनुभव प्राप्त करना-अत्युत्कटैः पापपुण्यैरिहैव फलमश्नुते[2], न वेदफलमश्नुते[3], फलं दृशोरानशिरे महिष्यः[4]


उप-प्राप्त करना, उपभोग करना, ग्रहण करना-न च लोकानुपाश्नुते-महाभारत, क्रियाफलमुपाश्नुते[5], वि-पूर्ण रूप से भरना, व्याप्त होना, स्थान ग्रहण करना- प्रतापस्तस्य भानोश्च युगपद् व्यानशे दिशः[6][7]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -भट्टि. 2/30 कि. 12/21
  2. -हि. 1/80, रघु. 9/9
  3. -मनुस्मृति 1/109
  4. - नै. 1/43
  5. -मनुस्मृति 6/82
  6. -रघु. 4/15, भट्टि. 9/4, 14/96
  7. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 129-130 |

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