श्लेष अलंकार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रिया (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:42, 4 जनवरी 2011 का अवतरण ('जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।[1]

चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।

  • इस जगह पर वृषभानुजा के दो अर्थ हैं-
  1. वृषभानु की पुत्री राधा
  2. वृषभ की अनुजा गाय।
  • इसी प्रकार हलधर के भी दो अर्थ है-
  1. बलराम
  2. हल को धारण करने वाला बैल


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अलंकार (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दीकुंज। अभिगमन तिथि: 4 जनवरी, 2011